Greater Noida News: औद्योगिक भूखंड आवंटन नीति में अहम बदलाव की तैयारी है। जानकारी के अनुसार इस नीति में लॉटरी की प्रक्रिया को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा। अब भूखंडों का आवंटन सिर्फ ई-नीलामी और साक्षात्कार के जरिए किया जाएगा। 8,000 वर्ग मीटर से बड़े भूखंड साक्षात्कार के जरिए आवंटित किए जाएंगे, जबकि 8,000 वर्ग मीटर से छोटे भूखंड ई-नीलामी के जरिए आवंटित किए जाएंगे।
सरकारी स्तर पर दो साल से रस्साकशी
गौरतलब है कि औद्योगिक भूखंड आवंटन नीति को लेकर पिछले दो साल से सरकार के स्तर पर रस्साकशी चल रही है। हाल ही में तीनों प्राधिकरणों की ऑनलाइन समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया था। इस बैठक में पुरानी नीति पर चर्चा की गई थी। काफी विचार-विमर्श के बाद सीएम की बैठक में निर्णय लिया गया कि औद्योगिक भूखंडों के आवंटन में लॉटरी प्रक्रिया को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। 300 वर्ग मीटर से लेकर 8,000 वर्ग मीटर तक के भूखंडों का आवंटन ई-नीलामी के माध्यम से किया जाएगा, तथा 8,000 वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों का आवंटन साक्षात्कार के माध्यम से किया जाएगा।
बैठक के दौरान कई सवाल उठाए गए
इस बात पर चर्चा की गई कि इस बदलाव के कारण एमएसएमई क्षेत्र के उद्यमियों के लिए आवंटन सुरक्षित करना मुश्किल हो जाएगा। इसके अलावा, संपत्ति बाजार में सक्रिय निवेशक ई-नीलामी के दौरान औद्योगिक भूखंडों पर ऊंची बोली लगा सकते हैं, संभावित रूप से उन्हें खरीद सकते हैं। यह अनिश्चित है कि इनमें से कितने खरीदार वास्तव में अपने इच्छित उद्देश्य के लिए भूखंडों का उपयोग करेंगे। काफी विचार-विमर्श के बाद, बैठक में फिलहाल ड्रॉ प्रक्रिया को पूरी तरह से खत्म करने के निर्णय के साथ समापन हुआ। सूत्रों के अनुसार, इस नीति को रेखांकित करने वाला सरकारी आदेश एक सप्ताह के भीतर तीनों प्राधिकरणों को जारी कर दिया जाएगा और तीनों प्राधिकरणों में एक समान नीति लागू की जाएगी।