Greater Noida: गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के 84 गांवों की जमीन पर न्यू नोएडा बसाने की योजना ने रफ्तार पकड़ ली है। इस प्रोजेक्ट को गति देने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने सिकंदराबाद के पास दफ्तर बनाने की योजना बनाई है। हालांकि, भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों की मुआवजा बढ़ाने की मांग ने परियोजना में नई चुनौती खड़ी कर दी है।
सीईओ ने किया निरीक्षण
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने 18 नवंबर को जोखाबाद और सांवली गांव का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में कार्यालय स्थापित करने की योजना को अंतिम रूप दिया। प्राधिकरण का मानना है कि यह क्षेत्र ईस्टर्न पेरिफेरल और जीटी रोड के पास होने के कारण अधिकारियों और आम लोगों की आवाजाही के लिए उपयुक्त रहेगा।
भूमि अधिग्रहण बना बड़ी चुनौती
न्यू नोएडा परियोजना के लिए लगभग दो हजार वर्ग मीटर भूमि की आवश्यकता है। लेकिन स्थानीय किसान वर्तमान मुआवजा दर को लेकर असंतोष जता रहे हैं। सिकंदराबाद क्षेत्र में मुआवजा दर 800 से 1700 रुपये प्रति वर्ग मीटर है, जबकि नोएडा में यह 5400 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक पहुंचती है। किसानों का कहना है कि जब तक मुआवजा दर में वृद्धि नहीं की जाती, तब तक वे भूमि अधिग्रहण के लिए तैयार नहीं होंगे।
चार चरणों में होगा विकास
सीईओ ने बताया कि न्यू नोएडा का विकास चार चरणों में 2041 तक पूरा किया जाएगा।
- पहला चरण (2027): 3,165 हेक्टेयर भूमि का विकास।
- दूसरा चरण (2032): 3,798 हेक्टेयर भूमि का विकास।
- तीसरा चरण (2037): 5,908 हेक्टेयर भूमि का विकास।
- चौथा चरण (2041): 8,230 हेक्टेयर भूमि का विकास।
आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर
नोएडा प्राधिकरण का कहना है कि कार्यालय की स्थापना के बाद विकास कार्य तेजी से आगे बढ़ेंगे। न्यू नोएडा परियोजना न केवल क्षेत्र के आर्थिक विकास को गति देगी, बल्कि हजारों रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगी।
किसानों के समर्थन पर निर्भर प्रगति
भूमि अधिग्रहण से जुड़ी समस्या के समाधान के लिए प्राधिकरण और किसान संगठनों के बीच बातचीत जारी है। माना जा रहा है कि मुआवजा दरों पर सहमति बनने के बाद परियोजना को और रफ्तार मिलेगी।
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न्यू नोएडा: क्षेत्र की नई पहचान
2041 तक चार चरणों में विकसित होने वाला न्यू नोएडा, आधुनिक सुविधाओं और योजनाबद्ध विकास के जरिए क्षेत्र की पहचान को नया आयाम देगा। यह परियोजना न केवल स्थानीय लोगों के जीवनस्तर को सुधारने में सहायक होगी, बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।