नई दिल्ली: कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्राॅन के सामने आने के बाद दुनियाभर में हड़कंप मच गया है। इसका पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था, जिसके बाद तमाम देशों ने दक्षिण अफ्रीकी देशों की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया हैं। वहीं, भारत सरकार भी अलर्ट हो गई है और इससे बचने के लिए कदम उठा रही है। हालांकि अभी तक इसका कोई मामला देश में सामने नहीं आया है। लेकिन केंद्र से लेकर सभी राज्यों की चिंता बढ़ गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण से सभी राज्यों के साथ एक समीक्षा बैठक की। इस मीटिंग में ओमिक्राॅन के संक्रमण से बचने के लिए राज्य सरकारें क्या उपाय कर रही हैं इस पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि अगर राज्य इन उपायों को अपनाएंगे तो ओमिक्राॅन वैरिएंट के बारे में जल्द से जल्द पता लगाकर उससे निपटने में आसानी होगी। इसके साथ ही राज्यों से जांच में वृद्धि करने का सुझाव दिया गया ताकि सही समय पर इस वैरिएंट को पकड़ा जा सके और केसों का मैनेजमेंट किया जा सके।
स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों से कहा कि कंटेनमेंट जोन तैयार किए जाएं और हर स्तर पर निगरानी बढ़ाई जाए। इसके अलावा राज्यों को हाटस्पाट की निगरानी भी बढ़ाने की सलाह दी गई है और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने को कहा। इस दौरान एक बार फिर से टीकाकरण में तेजी लाने पर जोर दिया गया।
इससे दो दिन पहले सरकार की तरफ से इस खतरनाक वायरस को लेकर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए थे। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को खत लिखकर गहन रोकथाम करने और निगरानी के उपाय बढ़ाने और कोरोना टीकाकरण तेज करने के निर्देश दिए थे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के नए वैरिएंट को वेरिएंट ऑफ कंसर्न की कैटेगरी में रखा है। WHO ने ही इसे ओमिक्रॉन नाम दिया है। माना जा रहा है कि यह कोरोना का अब तक का सबसे अधिक म्यूटेशन करने वाला वैरिएंट है। इस वजह से वैज्ञानिक इसे ‘डरावना’ बता रहे हैं। कहा जा रहा है कि यह वैरिएंट भारत में दूसरी लहर और दुनिया के कई देशों में तीसरी लहर का कारण बने डेल्टा वैरिएंट से कहीं ज्यादा म्यूटेशन और तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है।
(अमृता सिंह चौहान)