सचिवालय संघ की लंबित मांगों के सम्बन्ध में सचिवालय संघ की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ बैठक हुई..सचिवालय संघ की ओर से मुख्यमंत्री को 14 सूत्रीय लम्बित मांगों के साथ-साथ पृथक से सचिवालय में व्याप्त व्यवहारिक समस्याओं एवं सचिवालय कार्य प्रणाली के सुधार और सचिवालय सेवा संवर्ग को मजबूत किए जाने के लिए 22 सूत्रीय सुझाव पत्र भी सौंपा गया।
इन मांगों एवं सुझावों पर संघ की ओर से वार्ता बैठक के दौरान सर्वप्रथम सचिवालय कार्मिकों सहित प्रदेश के सभी कार्मिक वर्ग की ज्वलन्त पीड़ा को मुख्यमंत्री के समक्ष रखते हुये स्व0 प्रकाश पन्त, तत्कालीन वित्त मंत्री के साथ सचिवालय संघ के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में 31 जनवरी 2019 को हुए लिखित समझौते की याद दिलाई।
इस समझौते के तहत सभी कार्मिकों की कॉंमन मांगों-एम0ए0सी0पी0 के स्थान पर ए0सी0पी0 की पूर्व व्यवस्था लागू किया जाना, शिथिलीकरण नियमावली, 2010 को पुनः प्रभावी किया जाना, पुरानी पेंशन की बहाली हेतु राज्य सरकार का संकल्प पत्र केन्द्र सरकार को भेजा जाना, पति/पत्नी के सेवारत रहने पर दोनो कार्मिकों को मकान किराया भत्ता अनुमन्य किये जाने सम्बन्धी कॉमन मांगों के साथ-साथ वर्तमान में ज्वलन्त समस्या के रूप में उत्पन्न गोल्डन कार्ड की खामियों को दुरस्त कर सी0जी0एच0एस0 की दरों पर योजना को संचालित किये जाने का शासनादेश जल्द निर्गत किये जाने, केन्द्र सरकार द्वारा घोषित 11 प्रतिशत महॅगाई भत्ते की अनुमन्यता एरियर सहित तत्काल किये जाने की मांगों को प्रमुखता से सभी तथ्यात्मक बिन्दुओं के साथ रखा गया। संघ द्वारा बताया गया।
कि यह मांगें मात्र वित्त विभाग या कार्मिक विभाग द्वारा अव्यवस्थित की गयी हैं, जिसे व्यवस्थित किया जाना सचिवालय सहित प्रदेश कार्मिक वर्ग के हित में है सचिवालय संघ द्वारा सचिवालय सेवा संवर्ग की जायज कठिनाईयों एवं मांगों पर विस्तृत रूप से अपनी बातें रखी गयी तथा बताया गया कि सचिवालय सेवा संवर्ग के अधिकारियों/कर्मचारियों की जायज मांगों पर सक्षम अधिकारियों पर हीलाहवाली की जा रही है, स्व0 प्रकाश पन्त के साथ हुए समझौते के अनुसार अब तक सचिवालय भत्ते की दर को मूल वेतन का 10 प्रतिशत किया जाना अवशेष है, साथ ही सचिवालय सेवा के अधिकारियों को प्रशासकीय विभागों के सचिव आदि द्वारा उन्हें अनुमन्य कार्यावंटन से न्यून कार्य दिया जा रहा है, इसका पुरजोर विरोध संघ द्वारा मुख्यमंत्री जी के समक्ष किया गया।