नोएडा में पुलिस ने करीब 1500 अरब रुपये के GST धोखाधड़ी घोटाले में ग्रेटर नोएडा की लोटस विला सोसाइटी में रहने वाले दो आरोपियों मयूर उर्फ मणि नागपाल और चारू नागपाल के घरों से 2.5 अरब रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है।
मामले में अब तक पुलिस ने 47 संदिग्धों को किया गिरफ्तार
कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जून 2023 में पुलिस ने 3000 से अधिक फर्जी GST फर्मों से जुड़े घोटाले का पर्दाफाश किया था, जिसकी कुल रकम 15000 अरब रुपये से अधिक थी। इस मामले में अब तक पुलिस 47 संदिग्धों को गिरफ्तार कर चुकी है। उन्होंने अब मयूर उर्फ मणि नागपाल और चारू नागपाल की संपत्ति जब्त कर ली है। पुलिस उपायुक्त शक्ति मोहन ने बताया कि क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम जीएसटी धोखाधड़ी मामले पर लगातार काम कर रही है।
36 संदिग्धों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई
GST धोखाधड़ी के इस मामले में नोएडा पुलिस ने 36 संदिग्धों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई भी की है। इन गिरफ्तारियों के बाद पुलिस अब घोटाले में शामिल अन्य संदिग्धों की पहचान कर उनकी संपत्ति जब्त कर रही है। पुलिस इस मामले में कई संदिग्धों की संपत्ति की पहचान कर चुकी है। नोएडा पुलिस की प्रभावी निगरानी के कारण पिछले एक साल में इस मामले में कोई भी आरोपी जमानत हासिल नहीं कर पाया है। इस बात की चिंता है कि कई संदिग्ध अपने परिवार समेत विदेश भाग गए हैं। नोएडा पुलिस को सूचना मिली है कि कुछ संदिग्धों ने दुबई जैसी जगहों पर अपना ठिकाना बना लिया है। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए ओपन डेटेड वारंट तैयार कर रही है और रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी कर चुकी है। ओपन डेटेड वारंट जारी होने के बाद नोएडा पुलिस संदिग्धों को या तो विदेश में गिरफ्तार करेगी या फिर इंटरपोल के जरिए उन तक पहुंचने की कोशिश करेगी।
फर्जी कंपनियों के नाम पर होती थी GST चोरी
मामले को लेकर कहा गया जा रहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लाखों लोगों के पैन और आधार कार्ड का डेटा हासिल कर फर्जी कंपनियां खोली गईं। ये कंपनियां सिर्फ कागजों पर ही थीं। इसके बाद उन्होंने इन कंपनियों का इस्तेमाल फर्जी चालान जारी करने और रिफंड का दावा करने में किया और सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाया। जांच में पता चला है कि जालसाज इन फर्जी कंपनियों को जीएसटी नंबर के साथ मांग पर बेचते थे। इस घोटाले में काले धन को सफेद करने के लिए इन कंपनियों के नाम पर पैसे जमा करना भी शामिल था। पुलिस के प्रयासों के बावजूद, कई प्रमुख संदिग्ध अभी भी फरार हैं। नोएडा पुलिस ने इन भगोड़ों का पता लगाने के लिए चार टीमें तैनात की हैं, जो दिल्ली, उत्तर प्रदेश और अन्य संभावित स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं। पुलिस ने घोटाले में शामिल कई संदिग्धों की चल और अचल संपत्ति भी जब्त की है।