शिमला :- हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र की अंतिम बैठक में शुक्रवार को विपक्षी कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा सचिव को नोटिस देकर विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार को संवैधानिक पद से हटाने की मांग की। विपक्ष ने संविधान के अनुच्छेद 179 (सी) और विधानसभा कार्य संचालन नियम 274 (1) के तहत नोटिस दिया।
कांग्रेस के 19 विधायकों द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस में कहा गया है कि विधानसभा अध्यक्ष सदन की गरिमा एवं उच्च परंपराओं के निर्वहन में विफल रहे हैं और एक विशेष विचारधारा को प्रोत्साहित कर रहे हैं, जो संविधान की मर्यादा के विपरीत है। विपक्षी सदस्यों ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया और विरोध स्वरूप काले बिल्ले लगाकर सदन के बाहर विधानसभा परिसर में धरने पर बैठ गए।
पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सदन के कामकाज के संचालन में वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष की तटस्थता संदिग्ध और सबसे अधिक वांछित है तथा उन्होंने विपक्षी सदस्यों द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण नोटिस पर चर्चा की अनुमति देने से इनकार कर दिया। अग्निहोत्री ने कहा कि विस अध्यक्ष से तटस्थ रहने और राजनीतिक विचार पर पक्ष नहीं लेने की अपेक्षा की जाती है लेकिन इस सत्र में यह बार-बार देखा गया है कि विस अध्यक्ष सदन की अध्यक्षता करते हुए विशेष विचारधारा से संबद्धता का दावा कर रहे हैं, जो संविधान की भावना के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा विस अध्यक्ष विपक्षी सदस्यों के नोटिसों और मुद्दों को उठाने के लिए विभिन्न नियमों के तहत उनके नोटिसों पर कार्रवाई करने में निष्पक्ष नहीं हो रहे हैं। अग्निहोत्री के मुताबिक हम विपक्षी सदस्यों का वर्तमान अध्यक्ष की कार्यप्रणाली में कोई विश्वास नहीं बचा है।
अग्निहोत्री ने विस अध्यक्ष को तत्काल पद से हटाने की मांग करते हुए कहा कि उनका आचरण सवालों के घेरे में है। वह हिमाचल विधानसभा को निष्पक्षता से चलाने में असमर्थ हैं और पार्टी विशेष का एजेंडा चला रहे हैं। ये विधानसभा की गरिमा के प्रतिकूल है। विधानसभा में पहली बार ऐसा हुआ है कि विस अध्यक्ष द्वारा पार्टी विशेष की विचारधारा को प्रोत्साहित किया जा रहा है और अपने आसन से वह कह रहे हैं कि मैं एक विशेष विचारधारा का व्यक्ति हूं। मुकेश अग्निहोत्री के अनुसार वर्तमान विस अध्यक्ष ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भी विशेष विचारधारा से जोड़ने का उल्लेख करते हुए कहा कि इस विचारधारा पर मुझे गर्व है। अग्निहोत्री ने कहा कि विधानसभा में अध्यक्ष की निष्पक्षता महत्वपूर्ण होती है और हिमाचल विधानसभा उन अध्यक्षों से सुशोभित रही है, जिन्होंने आसन संभालने से पहले पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
Publish by- shivam Dixit
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