शिमला/नई दिल्ली :- राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोगों ने विगत 50 वर्षों में विकास की जो गाथा लिखी है उस पर सभी देशवासियों को गर्व है। उन्होंने कहा कि इसमें सभी पूर्ववर्ती सरकारों ने अहम भूमिका निभाई है।
राष्ट्रपति कोविन्द गुरुवार को हिमाचल प्रदेश के राज्य के गठन की स्वर्ण जयंती के अवसर पर राज्य विधान सभा के विशेष सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने हिमाचल को विकास के पथ पर आगे ले जाने में उनके योगदान के लिए कांग्रेस और भाजपा के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को याद किया।
कोविन्द ने कहा कि वह विधानसभा की स्वर्ण जयंती पर उसे संबोधित करते हुए सम्मानित महसूस कर रहे हैं। यह ‘काउंसिल चैंबर भवन’ तथा परिसर, आधुनिक भारत की अनेक महत्वपूर्ण घटनाओं के साक्षी रहे हैं। इसी भवन में विट्ठल भाई पटेल ने 1925 में ब्रिटिश प्रत्याशी को हराकर सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेम्बली के अध्यक्ष का चुनाव जीता था।
राष्ट्रपति ने कहा कि जनवरी, 1971 में हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाना डॉक्टर यशवंत सिंह परमार जैसे लोकतन्त्र में आस्था रखने वाले जन-नायकों के नेतृत्व में यहां की जनता के संघर्ष की सफल परिणति थी। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉक्टर वाई.एस. परमार, ठाकुर राम लाल, शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल और वीरभद्र सिंह के योगदान को भी याद किया ।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सूचकांक रिपोर्ट 2020-21 के अनुसार विकास संकेतकों में हिमाचल को दूसरे स्थान पर रखा गया है।
किन्नौर के 101 वर्षीय राम शरण नेगी का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि स्वतंत्र भारत के पहले चुनाव का पहला वोटर होने का श्रेय हिमाचल प्रदेश के ही श्याम सरन नेगी को जाता है। उन्हें भारतीय निर्वाचन आयोग ने 2014 के लोकसभा चुनाव में ब्रांड एम्बेसेडर बनाया था।
राष्ट्रपति ने कहा कि हिमाचल के लगभग हर गांव के युवा भारतीय सेनाओं में अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में भूतपूर्व सैनिकों की संख्या एक लाख बीस हजार से भी अधिक है। इस दौरान उन्होंने सैन्य-बलों का सुप्रीम कमांडर होने के नाते ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध संघर्ष में प्राण न्योछावर करने वाले राम सिंह पठानिया, देश के पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा, कारगिल में शहीद हुए, परमवीर चक्र से सम्मानित कैप्टन विक्रम बत्रा, परमवीर चक्र विजेता सूबेदार संजय कुमार और कारगिल के नायक शहीद कैप्टन सौरभ कालिया को श्रद्धांजलि दी।
राष्ट्रपति ने पिछले कुछ महीनों के दौरान हिमाचल प्रदेश में बादल फटने तथा जल-प्लावन जैसे दुर्भाग्यपूर्ण हादसे पर दुख जताते हुए सभी संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि केंद्र व राज्य सरकार मिलकर ऐसी आपदाओं के वैज्ञानिक समाधान विकसित करेंगे।
राष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्मरण करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश से उनका गहरा लगाव था। इसे वे अपना घर ही मानते थे। उन्होंने हिमाचल को विशेष औद्योगिक पैकेज प्रदान किया था, जिससे राज्य में निवेश को बढ़ावा मिला। उन्होंने ही 2002 में उस परियोजना की आधारशिला रखी थी जो आज ‘अटल टनल’ के नाम से, दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग-टनल के रूप में, स्थापित है। इससे हिमाचल और लेह-लद्दाख के हिस्से, देश के अन्य क्षेत्रों से सदैव जुड़े रहेंगे और वहां के लोगों का तेजी से आर्थिक विकास होगा।
यह तीसरा अवसर है जब राष्ट्रपति ने विधानसभा को संबोधित किया है। इससे पहले एपीजे अब्दुल कलाम और प्रणब मुखर्जी ने भी विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया था।
इस मौके पर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सहित पूर्व विधायक और सांसद भी मौजूद थे।
Publish by- shivam Dixit
@shivamniwan