लखनऊ: लखनऊ की सरोजनीनगर विधानसभा में हाथी चलाने को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने बैठक की। रविवार को मंडल कार्यालय पर हुई बैठक में बूथ स्तर से लेकर विधानसभा स्तर तक हाथी को चलाने के लिए मंथन हुआ।
बसपा के जिलाध्यक्ष अखिलेश अम्बेडकर और अन्य पदाधिकारियों ने लखनऊ में हाथी चलाने का मन बना लिया है। जातीय समीकरण के बदौलत बसपा पदाधिकारी बूथ स्तर पर वोटों के जोड़तोड़ में जुटे हुए हैं। इसी क्रम में सरोजनीनगर के बसपा कार्यकर्ताओं को आशियाना स्थित मंडल कार्यालय पर बुलाया गया।
बसपा पदाधिकारियों ने बताया कि सरोजनी नगर विधानसभा में दो बार बसपा के उम्मीदवार इरशाद खान ने वर्ष 2002 और 2007 में जीत दर्ज करायी थी। इसके बाद ये सीट वर्ष 2012 में सपा के खाते में चली गयी। वर्ष 2017 में यहां भाजपा की उम्मीदवार स्वाति सिंह ने जीत हासिल की।
बता दें कि भाजपा की स्वाति सिंह के मुकाबले बसपा ने शिवशंकर सिंह उर्फ शंकरी सिंह को चुनाव मैदान में उतारा था, जो हार गये। जबकि 2017 में बसपा से टिकट मांग रहे नवीन चंद्र द्विवेदी का टिकट काटकर शंकरी सिंह को टिकट दिया गया था। इस बार पुन: नवीन चंद्र सरोजनीनगर सीट पर टिकट की उम्मीद लगाये हुए हैं। वहीं मोहम्मद जलीस जैसे बसपा कार्यकर्ताओं को भी टिकट मिलने की उम्मीद है।
बसपा के महासचिव आरएस कुशवाहा के निकट माने जाने वाले काकोरी ब्लाक के आनंद भी सरोजनी नगर विधानसभा से टिकट की उम्मीद रखे हुए हैं। इसके अलावा भी कई चेहरों की टिकट की दावेदारी है। माना जा रहा है कि बसपा वर्ष 2002 और 2007 का इतिहास दोहराने के लिए मजबूत प्रत्याशी देने के लिए तैयारी कर रही है।