मेरठ: कृषि कानूनों के विरोध में 05 सितम्बर को मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में कई राज्यों से किसान शामिल होंगे। भाकियू और संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आयोजित इस महापंचायत को ऐतिहासिक करार दिया जा रहा है। 2022 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए इस महापंचायत को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। महापंचायत के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
2022 के उप्र विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय किसान यूनियन की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। भाकियू की राजनीतिक महत्वाकांक्षी को देखते हुए 05 सितम्बर को मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। भाकियू के साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा भी महापंचायत के आयोजन में जुटा हुआ है।
इसके साथ ही दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसान संगठन भी महापंचायत में भीड़ जुटाने को पूरी ताकत से लगे हैं। इसके साथ ही किसान आंदोलन से जुड़े लगभग 300 से ज्यादा संगठन भी जुटे हैं। इस महापंचायत पर विपक्षी दलों की निगाह भी लगी है। महापंचायत में उप्र, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों से बड़ी संख्या में किसानों के आने का दावा किया जा रहा है।
बारिश डाल सकती है महापंचायत में बाधा
किसान महापंचायत में मौसम खलल डाल सकती है। मौसम विभाग ने भी 05 सितम्बर को बारिश होने की संभावना जताई है। बारिश होने पर ऐसे में महापंचायत में आने वाले किसानों की परेशानी बढ़ सकती है।
सुरक्षा के किए जा रहे पुख्ता इंतजाम
महापंचायत को लेकर मेरठ जोन के एडीजी राजीव सब्बरवाल ने सुरक्षा का जिम्मा उठाया हुआ है। महापंचायत में सुरक्षा व्यवस्था बनाने के लिए 01 उप महानिरीक्षक, 07 पुलिस अधीक्षक, 20 क्षेत्राधिकारी, इंस्पेक्टर, दरोगा, 08 कम्पनी पीएसी, 02 कंपनी आरएएफ को तैनात किया गया है। आसपास के जिलों से भी पुलिस फोर्स को मुजफ्फरनगर भेजा गया है। मेरठ जनपद से भी पुलिस अधीक्षक अपराध, सीओ, 09 इंस्पेक्टर, 30 दरोगा व 150 कांस्टेबल की ड्यूटी लगाई गई हैं।