बलिया: महर्षि भृगु की धरती बलिया बुधवार को मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की अयोध्या का प्रतिरूप बन गई। अवसर था पर्यटन व संस्कृति विभाग ‘रामायण कान्क्लेव’ के तीसरे चरण के शुभारंभ का। जिसका विधिवत उद्घाटन अयोध्या के हरिधाम पीठाधीश्वर जगतगुरू रामानंदाचार्य रामदिनेशाचार्य जी और जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. कल्पलता पाण्डेय ने दीप प्रज्वलन कर किया।
गंगा बहुद्देश्यीय सभागार में रामायण कान्क्लेव की शुरुआत ‘रामायण में भातृप्रेम’ विषयक संगोष्ठी से हुई। संगोष्ठी में वक्ताओं द्वारा भगवान श्रीराम के भातृत्व प्रेम के बारे में रखे गए विचारों को सुनकर हाल में बैठे रामभक्तमंत्रमुग्ध नजर आए।
त्रिनिदाद में रहने वाली संत डा. इंद्राणी रामप्रसाद जी ने न्यूयॉर्क से रामायण कान्क्लेव को वर्चुअली सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम परिवार और राजनीति में एक आदर्श भाई थे। उनके आदर्शों से वैश्विक शांति प्राप्त की जा सकती है। राम और उनके भाइयों ने दिखाया कि जब परिवार मजबूत होता है तो संघ मजबूत होता है। संघ मजबूत होता है तो धर्म मजबूत होता है। धर्म की मजबूती से पृथ्वी पर शांति स्थापित होती है। उन्होंने अपील किया कि प्रभु राम को अपने हृदय में जगह दें।
इसके पहले स्वागत भाषण करते हुए अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डा. लवकुश द्विवेदी ने कहा कि 29 अगस्त से रामायण कान्क्लेव अयोध्या से शुरू हुआ है। इसका उद्देश्य भगवान राम द्वारा स्थापित आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और नौतिक मूल्यों को जन-जन में स्थापित करना है।
अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डा.लवकुश द्विवेदी ने रामदिनेशाचार्य का और क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी वाराणसी डा.सुभाषचंद्र यादव ने कुलपति प्रो. कल्पलता पाण्डेय को अंगवस्त्र देकर सम्मान किया।
इस अवसर पर सीडीओ प्रवीण वर्मा, नगर मजिस्ट्रेट नागेंद्र सिंह, प्रसिद्ध संत बद्रीविशाल जी, रामशंकर दास, पंडित विजय नारायण शास्त्री, भाजपा जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू, गणेश पाठक और शिवकुमार कौशिकेय आदि ने सम्बोधित किया।