नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को दाल और खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनाने पर जोर देते हुए सोमवार को राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम (एनएमईओ-ओपी) की घोषणा करते हुए कहा कि इस मिशन के माध्यम से खाने के तेल से जुड़े इकोसिस्टम पर 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज से लेकर प्रौद्योगिकी तक सभी सुविधाएं मिलें।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के लाभार्थियों को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने पीएम-किसान योजना के तहत वित्तीय लाभ की नौवीं किश्त जारी की। प्रधानमंत्री द्वारा रिमोट का बटन दबाने के साथ ही 9.75 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में 19,509 करोड़ रुपये ट्रांसफर हो गए। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री ने किसानों को संबोधित करते हुए बुवाई के मौसम की बात की और उम्मीद जताई कि आज प्राप्त राशि से किसानों को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि किसान इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की एक लाख करोड़ रुपये की योजना को भी आज एक साल पूरा हो गया है। प्रधानमंत्री ने नेफेड की दुकानों में मिशन हनी-बी और जम्मू-कश्मीर से केसर बनाने जैसी पहलों को भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि शहद मिशन से 700 हजार करोड़ शहद का निर्यात हुआ है जिससे किसानों को अतिरिक्त आय हुई है।
उन्होंने आगामी 75वें स्वतंत्रता दिवस का उल्लेख करते हुए कहा कि यह गौरव का अवसर होने के साथ-साथ नए संकल्पों और नए लक्ष्यों का भी अवसर है। उन्होंने कहा कि हमें इस अवसर का उपयोग यह तय करने के लिए करना होगा कि हम आने वाले 25 वर्षों में भारत को कहां देखना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2047 में, जब देश स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेगा, भारत की स्थिति को निर्धारित करने में हमारी कृषि और हमारे किसानों की बड़ी भूमिका है। यह समय भारत की कृषि को नई चुनौतियों का सामना करने और नए अवसरों का लाभ उठाने की दिशा देने का है। उन्होंने बदलते समय की मांगों के अनुसार भारतीय कृषि में बदलाव का आह्वान किया।
उन्होंने महामारी के दौरान रिकॉर्ड उत्पादन के लिए किसानों की सराहना की और कठिन अवधि के दौरान किसानों की कठिनाइयों को कम करने के लिए सरकार के उपायों को रेखांकित किया। सरकार ने बीजों, उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति और बाजारों तक पहुंच सुनिश्चित की। यूरिया पूरे समय उपलब्ध था और जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीएपी की कीमतें कई गुना बढ़ गईं, तो सरकार ने तुरंत उसके लिए 12000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की, ताकि किसानों को भार महसूस न हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने एमएसपी पर किसानों से अब तक की सबसे बड़ी खरीद की है, चाहे वह खरीफ हो या रबी सीजन। इससे, धान किसानों के खाते में लगभग 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये और गेहूं किसानों के खाते में लगभग 85 हजार करोड़ रुपये डायरेक्ट पहुंचे हैं।
प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि कुछ साल पहले जब देश में दालों की बहुत कमी हो गई थी, तो उन्होंने देश के किसानों से दाल उत्पादन बढ़ाने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप पिछले 6 सालों में देश में दालों के उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।