– भावना पटेल पैरालंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली महिला एथलीट बनीं
अहमदाबाद :- गुजरात के मेहसाणा जिले की टेबल टेनिस खिलाड़ी भावना बेन पटेल ने टोक्यो पैरालिंपिक के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया है। टेबल टेनिस महिला एकल के सेमीफाइनल में भावना पटेल ने चीन की झेंग मिया को 3-2 से हराया। भावना पटेल ने 18 मिनट में मैच जीता। भावना मेहसाणा की ही मूल निवासी हैं। एक तरफ भावना पटेल टोक्यो पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल से थोड़ी ही दूर हैं, तो वहीं दूसरी तरफ उनके गृहनगर मेहसाणा में खुशी का माहौल है। पिता पहले से ही अपनी बेटी के स्वागत के लिए बेताब हैं।
अंधजन मंडल में खिलाडिय़ों को खेलते देखकर प्रेरणा मिली
भावना पटेल के पिता ने कहा, ”हम पैरालिंपिक में आकर स्वर्ण पदक जरूर जीतेंगे । हमने इस पल के लिए 24 घंटे कड़ी मेहनत की है। अंधजन मंडल में दिव्यांगों को खेलते देख भावना के मन में यह विचार आया कि क्यों न मैं भी खेलूं और वह खेलने लगी। तब से उसने छह स्वर्ण पदक और आठ कांस्य पदक जीते हैं।
इससे पहले क्वार्टर फाइनल में भावना ने सर्बिया के बोरिसलावा रैंकोविक पेरिक को लगातार तीन मैचों में 11-5, 11-6, 11-7 से हराया था। महिला एकल वर्ग 4 में भावना ने अंतिम-16 में ब्राजील की जॉयस डी ओलिवेरा को हराया। जॉयस ने 2016 रियो पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। भावना ने महज 18 मिनट में मैच जीत लिया। भावना के भविष्य के लगातार आक्रामक प्रदर्शन को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि वह फाइनल में स्वर्ण पदक भी जीत सकती हैं।
भावना बेन को 12 साल की उम्र में पोलियो हो गया था। उन्होंने क्वार्टर फाइनल मैच के बाद कहा, “मैं भारत के लोगों के समर्थन के कारण अपना क्वार्टर फाइनल मैच जीतने में सफल रही। कृपया मेरा समर्थन करते रहें ताकि मैं अपना सेमीफाइनल मैच भी जीत सकूं।”
इस बीच मेहसाणा के पास भावना पटेल के गृहनगर में खुशी का माहौल है। गांव में मिठाइयां बांटी गई हैं और आतिशबाजी की जा रही है। पिता ने कहा, “हमें विश्वास है कि वह स्वर्ण पदक लाएगी । हमने इसके लिए दिन-रात मेहनत की है और आज हम परिणाम देख रहे हैं। अंधजन मंडल में दिव्यांगों को खेलते देख भावना के मन में यह विचार आया कि क्यों न मैं भी खेलूं और वह खेलने लगी। तब से उसने छह स्वर्ण पदक और आठ कांस्य पदक जीते हैं।
अभी तक किसी भी भारतीय महिला ने ओलंपिक या पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक नहीं जीता है। भावना के पास भारत की पहली गोल्डन गर्ल बनने का मौका है। 2016 में, पीवी सिंधु ने रियो ओलंपिक में रजत और पैरालिंपिक में दीपा मलिक ने रजत पदक जीता था। हालांकि दोनों खिलाड़ी फाइनल मैच हार गई थीं।
Publish by- shivam Dixit
@shivamniwan