नई दिल्ली :- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय पैरा-एथलीटों के आत्मविश्वास और इच्छा शक्ति की सराहना करते हुए कहा कि वह खिलाड़ियों से हुई बातचीत के बाद आशान्वित हैं कि भारत टोक्यो 2020 पैरालंपिक खेलों में भी एक नया इतिहास बनाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से टोक्यो 2020 पैरालंपिक खेलों में भाग लेने वाले भारतीय पैरा-एथलीट दल और उनके परिवारों, अभिभावकों और कोचों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का नया भारत एथलीटों पर पदक के लिए दबाव नहीं डालता बल्कि उनसे अपना सर्वश्रेष्ठ देने की उम्मीद करता है। हाल ही में हुए ओलम्पिक का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश एथलीटों के प्रयासों में उनके साथ है चाहे वे जीतें या चूकें।
प्रधानमंत्री ने क्षेत्र में शारीरिक शक्ति के साथ-साथ मानसिक शक्ति के महत्व पर भी चर्चा की। उन्होंने पैरा एथलीटों को उनकी परिस्थितियों पर काबू पाकर आगे बढ़ने के लिए प्रशंसा की। देश में खेल संस्कृति को विकसित करने के तौर-तरीकों में लगातार सुधार की जरुरत पर बल देते हुए कहा कि पहले दिव्यांगजनों के लिए सुविधा देने को वेलफेयर समझा जाता था। लेकिन आज देश इसे अपना दायित्व मानकर काम कर रहा है। इसलिए, देश की संसद ने ‘दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, जैसा कानून बनाया, दिव्यांगजनों के अधिकारों को कानूनी सुरक्षा दी। उन्होंने कहा कि ‘सुगम्य भारत अभियान’ इस नई सोच का सबसे बड़ा उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि आज सैकड़ों सरकारी भवनों, रेलवे स्टेशनों, ट्रेन के डिब्बों, घरेलू हवाई अड्डों और अन्य बुनियादी ढांचे को दिव्यांगों के अनुकूल बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय सांकेतिक भाषा का मानक शब्दकोश, एनसीईआरटी का सांकेतिक भाषा अनुवाद जैसे प्रयास जीवन बदल रहे हैं और पूरे देश में कई प्रतिभाओं को विश्वास दिला रहे हैं।
मोदी ने कहा कि हमारे गांव और दूरदराज के इलाके प्रतिभा से भरे हुए हैं और पैरा एथलीटों का दल इसका जीता-जागता उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हमें अपने युवाओं के बारे में सोचना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि उन्हें सभी संसाधन और सुविधाएं मिलें। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों में कई युवा खिलाड़ी हैं जिनमें पदक जीतने की क्षमता है। आज देश उन तक खुद पहुंचने की कोशिश कर रहा है और इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री ने बताया कि स्थानीय प्रतिभाओं को पहचानने के लिए 360 खेलो इंडिया सेंटर स्थापित किए गए हैं। जल्द ही यह संख्या बढ़ाकर 1000 केंद्रों की जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम’ के जरिए देश ने खिलाड़ियों के जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई हैं।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि शीर्ष पर पहुंचने के लिए हमें पुरानी पीढ़ी के दिलों में बैठे डर को निकालना होगा कि खेल में रुचि रखने वाले एक या दो को छोड़कर शेष के लिए खेलों में करियर की कोई संभावना नहीं है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि हमें भारत में खेल संस्कृति को विकसित करने के लिए अपने तरीकों और प्रणाली में सुधार करते रहना होगा। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय खेलों को बढ़ावा देने के साथ-साथ पारंपरिक खेलों को नई पहचान मिल रही है। उन्होंने इम्फाल, मणिपुर में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेलों की स्थिति और खेलो इंडिया आंदोलन को उस दिशा में महत्वपूर्ण कदम के रूप में उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि आप किसी भी खेल से जुड़े हों एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को भी मजबूत करते हैं। आप किस राज्य से हैं किस क्षेत्र से हैं कौन सी भाषा बोलते हैं इन सबसे ऊपर आप आज ‘टीम इंडिया’ हैं। ये स्पिरिट हमारे समाज के हर क्षेत्र में होनी चाहिए, हर स्तर पर दिखनी चाहिए।
भारत 24 अगस्त से पांच सितंबर तक चलने वाले पैरालंपिक खेलों की नौ स्पर्धाओं में हिस्सा लेगा। कुल 9 खेल स्पर्धाओं के 54 पैरा-एथलीट देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए टोक्यो जायेंगे। यह पैरालंपिक खेलों में भाग लेने वाला अब तक का सबसे बड़ा भारतीय दल है।
Publish by- shivam Dixit
@shivamniwan