गोरखपुर: उत्तर प्रदेश सरकार की शिक्षा से वंचित, वनटांगिया गांवों में रहने वाले बालक-बालिकाओं की पढ़ाई पर विशेष जोर है। उप्र के वनग्रामों में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का निर्माण कराया है। इनमें शिक्षकों की तैनाती के साथ बालक-बालिकाओं को पठन-पाठन और खेल की सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। खेल के लिए स्थान, शौचालयों का निर्माण भी इन विद्यालयों में किया है।
सोमवार को सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अभी तक गोरखुपर के 05 वनटांगिया गांवों में 05 प्राथमिक और 02 उच्च प्राथमिक विद्यालयों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। जबकि महाराजगंज के 18 वनटांगिया ग्रामों में 17 प्राथमिक और 09 उच्च प्राथमिक विद्यालयों का निर्माण कार्य चल रहा है। यह पहली बार है जब इन वन गांवों को शिक्षा की ज्योति से रोशन करने का काम किसी सरकार की और से किया जा रहा है। सरकार के इस प्रयास से बहुत जल्द इन गांवों के बालक-बालिकाओं को पढ़ाई के अवसर मिलने शुरु हो जाएंगे। उनके जीवन में सुधार आने के साथ रोजगार के नए-नए अवसर भी खुलेंगे।
गौरतलब है कि, सत्ता संभालने के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वनटांगिया गांवों की दशा बदलने का बड़ा काम किया है। गोरखपुर के कुसम्ही जंगल के तिकोनिया नम्बर तीन, रजही खाले टोला, रजही नर्सरी, आमबाग नर्सरी और चिलबिलवा के जो वनटांगिया आजादी के सत्तर दशक बाद तक बुनियादी सुविधाओं को तरसते थे वो अब बुनियादी सुविधाएं मिलने से सुखी जीवन बिता रहे हैं।
वनटांगिया ग्रामों में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का निर्माण कराया जा रहा है। गांव में ही आंगनबाड़ी केंद्र बन चुके हैं। गांव के लोग आरओ मशीन से शुद्ध पेयजल प्राप्त करते हैं। मुख्यमंत्री योगी के प्रयासों का असर है कि राजस्व ग्राम घोषित हो जाने से इन वनग्रामों के लोगों ने पहली बार गांव की अपनी सरकार (पंचायत) का चुनाव करने का मौका मिला है।