गाजियाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद में कहे गये शेर मांझी, न रहबर, न हक में हवाएं, है कश्ती भी जर्जर, ये कैसा सफर है, के रचयिता पं0 शायर दीक्षित दनकौरी को गजल के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए एक समारोह में सम्मानित किया गया।
समारोह का आयोजन ”काव्यलोक के तत्वावधान में गाजियाबाद लायंस क्लब के सभागार में आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कवयित्री डॉ रमा सिंह ने की। कार्यक्रम का उद्घाटन समाज सेवी व योगाचार्य देवेंद्र हितकारी ने किया जबकि मुख्य अतिथि आध्यात्मिक गुरु डॉक्टर पवन सिन्हा थे।
वास्तुशास्त्री डॉ खुशदीप बंसल, शैलेन्द्र जैन, राजऋषि ज्योतिषी पं. अरुण कौशिक, साहित्य सेवी पवन जैन, मोइन अख्तर अंसारी सहित गाजियाबाद एवं देशभर से पधारे अनेक गणमान्य काव्य प्रेमी और शायर उपस्थित थे। विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने दीक्षित दनकौरी की गजल मुम्बई विश्विद्यालय में बी.ए. तृतीय वर्ष के पाठ्यक्रम में शामिल हो जाने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर डॉ अल्पना सुहासिनी के संचालन में एक गजल गोष्ठी का आयोजन भी किया गया। जिसमें डॉ रमा सिंह, गोविंद गुलशन, मासूम गाजियाबादी, अंजू जैन, राजीव सिंहल, कृष्ण कुमार ”नाज”, संतोष सिंह, सलिल तिवारी ”सलिल”, जया पाटिल, महव जबलपुरी, मीनाक्षी शर्मा और दीक्षित दनकौरी ने अपने काव्य पाठ से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।