लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहाकि जिनका काम ही अनर्गल आरोप लगाना है। ऐसे लोग कोरोना महामारी के दौरान घरों में कैद थे। ये बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन वे सेल्फ क्वारिटिन थे। उनके गेट के दरवाजे बंद हो गये थे। जनता को उनके हॉल पर और सरकार के भरोसे छोड़ दिया था। ऐसे में भाजपा का हर कार्यकर्ता अपनी जान की परवाह किये वगैर लोगों की सेवा में जुटे रहे। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही।
वे शनिवार को लखनऊ स्थिति इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी आये हुए हैं। योगी आदित्यनाथ के भाषण के बाद जेपी नड्डा पंचायत प्रतिधियों को सम्मानित कर रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोरोना काल के दौरान कई प्रमुख कदम उठाये। प्रधानमंत्री ने उस कुर्सी पर बैठकर भी अंतिम व्यक्ति की चिंता कभी नहीं छोड़ी। जनधन हो या गरीबों को मुफ्त राशन, उज्ज्वला योजना हो या 80 करोड़ लोगों को अन्न की व्यवस्था सबको सुचारू रूप से चलाते हुए उन्होंने उस पर पैनी नजर भी बनाये रखी। 2021 से लेकर नवम्बर तक गांव-गांव में पीएम ने बातचीत प्रारम्भ की तो कैसे-कैसे आशीर्वाद निकल रहे थे। हर के मुख से एक ही बात निकल रही थी, आपने हमारे संकट में सहयोगी हैं, हम भी आपके साथ खड़े हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि व्यापारियों से लेकर हर वर्ग तक अतिरिक्त सहायता देकर उन्हें आगे बढ़ाया गया। दुनिया के अंदर पहली बार यह देखने को मिला कि नौ माह में किसी महामारी की वैक्सीन आ गयी। 1947 से अब तक कई बीमारियां आईं लेकिन इनकी वैक्सीन नहीं आ पायी लेकिन नरेन्द्र मोदी के काल में कोरोना आया तो नौ माह में ही वैक्सीन आ गयी। यह वैक्सीन यूपी में पांच करोड़ 35 लाख लोगों को लग चुका है, जबकि अब तक दो करोड़ से अधिक युवाओं को भी यह वैक्सीन लग चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी पहले जीवन बचाने, फिर जीविका को बचाने का कार्य किया है। उसी व्यवस्था के साथ जुड़कर प्रदेश सरकार काम कर रही है लेकिन देश जब संकट से जुझ रहा था तो नड्डा जी वहां बैठकर संगठन को बताया कि सेवा ही संगठन का काम है। उनके एक आह्वान पर पूरे देश के कार्यकर्ता अपनी जान का परवाह किये बिना सेवा कार्य से जुड़ गये। वह अद्भुत समय था, जब प्रवासी अपने घरों को जा रहे थे तो एक-एक कार्यकर्ता उनकी सेवा में लगा था। इसी में से कोई ब्लाक प्रमुख तो कोई संगठन पद पर पहुंचा है। पीएम के आने के बाद विकास की धूरी त्रिस्तरीय विकास की धारा बनी।