Rajyasabha: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने धनखड़ पर पक्षपातपूर्ण कार्यशैली अपनाने का आरोप लगाया है। विपक्ष का दावा है कि सभापति सदन की कार्यवाही के दौरान सत्ता पक्ष का पक्ष लेते हैं और विपक्ष की आवाज़ दबाते हैं।
अविश्वास प्रस्ताव के लिए जुटाए गए 50 सांसदों के हस्ताक्षर
संविधान के अनुच्छेद 67 (बी) के तहत इस प्रस्ताव को पेश करने के लिए 50 सांसदों के हस्ताक्षर की आवश्यकता थी। विपक्षी नेताओं ने सोमवार को ही इन हस्ताक्षरों को जुटा लिया था। प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले सांसदों में तृणमूल कांग्रेस (TMC), आम आदमी पार्टी (AAP), और समाजवादी पार्टी (SP) जैसे दलों के नेता शामिल हैं।
राज्यसभा के इतिहास में पहला अविश्वास प्रस्ताव
यह राज्यसभा के इतिहास में पहली बार हुआ है जब किसी सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है। इससे पहले, पिछले सत्र में भी विपक्ष ने इसी तरह की चिंताएं व्यक्त की थीं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था।
विपक्ष ने लगाया पक्षपातपूर्ण रवैये का आरोप
विपक्ष का आरोप है कि सभापति जगदीप धनखड़ सदन में तटस्थ भूमिका निभाने में असफल रहे हैं। उन्होंने सत्ता पक्ष के हित में फैसले लिए और विपक्ष की आवाज़ को दबाने का काम किया। विपक्ष का कहना है कि यह प्रस्ताव संसद की कार्यवाही में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक जरूरी कदम है।
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आगे क्या?
अविश्वास प्रस्ताव पेश होने के बाद अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि राज्यसभा में इस पर क्या कार्रवाई होती है। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए पूरी तरह तैयार है। वहीं, सत्ता पक्ष ने अभी इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।