Ghaziabad: गाजियाबाद और नोएडा के लोग लंबे समय तक प्रदूषण के ‘गैस चैंबर’ में रहने को मजबूर रहे, लेकिन इस बार दिसंबर में एक राहत भरी खबर सामने आई है। 2017 के बाद पहली बार, इन शहरों में लगातार पांच दिन (2 से 6 दिसंबर) हवा की गुणवत्ता ‘मध्यम’ (Moderate) श्रेणी में दर्ज की गई। यह बदलाव पर्यावरणीय स्थिति और प्रभावी नीतियों का नतीजा है।
नवंबर की विकट स्थिति से दिसंबर की राहत
नवंबर में गाजियाबाद और नोएडा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति तक पहुंच गया था, जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा। कोर्ट के आदेश पर दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत कड़े प्रतिबंध लागू किए गए, जिससे दिसंबर में यह राहत मुमकिन हो सकी।
आठ वर्षों में दिसंबर का हाल
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) के अनुसार, 2017 से 2023 तक गाजियाबाद और नोएडा में दिसंबर माह में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब हवा की गुणवत्ता ‘अच्छा’ (Good) या ‘संतोषजनक’ (Satisfactory) श्रेणी में दर्ज की गई हो।
- नोएडा:
- 2017: 2 दिन ‘मध्यम’ श्रेणी
- 2018, 2019, 2020, 2021: 1-1 दिन
- 2022: 4 दिन
- 2023: 0 दिन
- गाजियाबाद:
- 2017, 2020, 2021: 0 दिन
- 2018, 2019: 1-1 दिन
- 2022: 5 दिन
- 2023: 2 दिन
इस साल 2 से 6 दिसंबर तक लगातार पांच दिनों तक हवा की गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी में रही, जो 2017 के बाद पहली बार संभव हुआ।
मौसम और GRAP का असर
नोएडा के क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा ने बताया कि यह सुधार मौसम में बदलाव और GRAP के प्रभावी क्रियान्वयन की वजह से हुआ। नवंबर के अंत से पराली जलाने की घटनाओं में आई कमी ने भी प्रदूषण स्तर घटाने में मदद की। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद GRAP-4 के तहत सख्त प्रतिबंध लागू किए गए। हालांकि, हालात बेहतर होते ही कोर्ट ने पाबंदियां GRAP-2 तक सीमित करने की अनुमति दी।
हवा की स्पीड ने किया करिश्मा
विशेषज्ञों के अनुसार, हवा की गति में सुधार ने प्रदूषण को दूर करने में अहम भूमिका निभाई। एडवोकेट विक्रांत शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस मुद्दे पर सख्त रुख बनाए रखना होगा, वरना एजेंसियां फिर लापरवाही पर उतर सकती हैं।
प्रदूषण से निपटने की चुनौतियां
गाजियाबाद में कचरा जलाने और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं अब भी प्रदूषण के बड़े कारण बने हुए हैं। इन पर प्रभावी कार्रवाई किए बिना स्थायी समाधान पाना मुश्किल है।
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एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के मानक
- 0-50: अच्छा (Good)
- 51-100: संतोषजनक (Satisfactory)
- 101-200: मध्यम (Moderate)
- 201-300: खराब (Poor)
- 301-400: बहुत खराब (Very Poor)
- 401-450: गंभीर (Severe)
- 451 से ऊपर: अति गंभीर (Very Severe)
गाजियाबाद और नोएडा में दिसंबर की यह राहत न केवल पर्यावरणीय बदलावों का परिणाम है, बल्कि नीतिगत हस्तक्षेप का भी असर है। ऐसे प्रयासों को स्थायी रूप से बनाए रखने की आवश्यकता है, ताकि आने वाले समय में प्रदूषण के कहर से बचा जा सके।