दिल्ली-नोएडा और गाजियाबाद पूरे एनसीआर में एक अक्टूबर से डीजल जनरेटर पर रोक लगने जा रही है। एक अक्टूबर से ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) लागू होने जा रहा है। इसके तहत हाईराइज सोसाइटी, मॉल और अस्पतालों और इंडस्ट्री में ऐसे जेनरेटर को ही चलाने की इजाजत होगी जो पीएनजी या बायो फ्यूल पर चलते हो।
नोएडा प्राधिकरण ने 95 हाईराइज सोसाइटी को नोटिस जारी किया जानें क्यों
नोएडा प्राधिकरण ने इस मामले में 95 हाईराइज सोसाइटी को नोटिस जारी किया है। इसके तहत 30 सितंबर तक सभी सोसाइटी को 800 केवी के डीजल जनरेटर ड्यूल फार्म (70 प्रतिशत गैस और 30 प्रतिशत डीजल) में कन्वर्ट करना होगा। बिना इसे कन्वर्ट कराए वो जनरेटर को नहीं चला सकते है। इस नोटिस को नहीं मानना कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट और एनजीटी के नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसे में सोसाइटी की एओए पर जुर्माना और सीलिंग की कार्यवाही की जाएगी।
जनरेटर को ड्यूल फ्यूल में नहीं कराया कन्वर्ट तो देना होगा जुर्माना
नोएडा प्राधिकरण के डीजीएम एसपी सिंह ने बताया कि 1 अक्टूबर को ग्रेप लागू किया जा रहा है। इसमें डीजल जनरेटर और वायु प्रदूषण कारकों को बढ़ने से रोका जाता है। नोएडा में इसके लिए कई अहम फैसले लिए जा रहे है। इस क्रम में सोसाइटियों को नोटिस जारी किए गए है। सभी 95 सोसाइटी को 30 सितंबर तक जनरेटर को ड्यूल फ्यूल में कन्वर्ट कराना होगा और अगर इसके बावजूद भी डीजल वाला जनरेटर चलाया गया तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा।
निरीक्षण के लिए नोडल अधिकारी की अगुवाई में बन रही टीम उन्होंने बताया कि इसके लिए प्राधिकरण के प्रबंधक आरके शर्मा को नोडल अधिकारी बनाया जा रहा है। इनकी अगुवाई में कई टीमों का गठन किया जा रहा है। ये टीम 1 अक्टूबर से सोसायटी का निरीक्षण करेंगी। जहां भी जनरेटर चलता मिला उसके खिलाफ मौके पर ही एक्शन लिया जाएगा। इसे अंतिम नोटिस ही माना जाए। इसके बाद न तो समय दिया जाएगा और ना ही कोई नोटिस सीधा जुर्माना लगाया जाएगा।
बैकअप के लिए होता है इस्तेमाल
नोएडा में सोसाइटी में पावर बैकअप के लिए जनरेटर का उपयोग आमतौर पर किया जाता है, और इसके लिए निवासियों से प्रति यूनिट 25 से 30 रुपए या उससे अधिक शुल्क वसूला जाता है। इसका उद्देश्य बिजली सप्लाई के बंद होने पर भी निवासियों को आवश्यक विद्युत शक्ति प्रदान करना है। पिछली बार ड्यूल जनरेटर में कन्वर्ट करने के लिए सुझाव भी दिया गया था, हालांकि सोसाइटी ने इस विचार को निष्पादित नहीं किया, क्योंकि वह नियमों के अनुसार काम कर रही है।
बिजली की सप्लाई सुधार के लिए प्राधिकर ने जारी किया नोटिस
वहीं नोएडा फेेडरेशन ऑफ अपार्टमेंट के ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव सिंह ने नोएडा को “नो पावर कट जोन” घोषित किया गया है, जिसका मतलब है कि वहां बिजली की सप्लाई कटने की संभावना कम होती है। इससे सोसाइटीज को जनरेटर चलाने की आवश्यकता नहीं होगी उन्होंने यह भी कहा है कि वे बिजली की सप्लाई को 24 घंटे के लिए बनाए रखने की मांग कर रहे हैं और जनरेटर को ड्यूल फार्मेशन में कन्वर्ट करने की सलाह दी है, जिससे उपयुक्त संविदानिक संशोधन और अनुसंधान की आवश्यकता होती है। हालांकि, वे भी बताते हैं कि करने वाली कंपनी के पास इसके लिए उपयुक्त इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है और इसे संभवतः इतने कम समय में पूरा करना मुश्किल हो सकता है। इस प्रस्तावना के माध्यम से, राजीव सिंह नोएडा के विद्वेषी बिजली समस्याओं का समाधान करने के लिए समुचित समय और संसाधनों की मांग कर रहे हैं ताकि लोगों को बिजली की सप्लाई में सुधार हो सके।
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प्राधिकरण का एनवारमेंटल सेल लेगा एक्शन
प्रदूषण से जुड़े सभी मामलों से निपटने के लिए प्राधिकरण ने हाल ही में अपना पर्यावरण एनवारमेंटल सेल बनाया है। डीजीएम ने बताया कि जो भी टीम बनेगी इसी सेल के गाइडेंस के अनुसार अपना काम करेगी और इसमें किसी भी तरह की कोई कोताही बर्दाशत नहीं की जाएगी।