नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि हम अपने पर्व मनाएं और उसकी वैज्ञानिकता को समझें। उसके पीछे के अर्थ को समझें। हर पर्व में कोई न कोई सन्देश है, कोई-न-कोई संस्कार है। हमें इसे जानना भी है, जीना भी है। साथ ही आने वाली पीढ़ियों के लिए विरासत के रूप में उसे आगे बढ़ाना भी है।
सभी देशवासियों को महापर्व जन्माष्टमी की शुभकामना देते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हम भगवान के सब स्वरूपों से परिचित हैं। नटखट कन्हैया से लेकर विराट रूप धारण करने वाले कृष्ण तक। शास्त्र सामर्थ्य से लेकर शस्त्र सामर्थ्य वाले कृष्ण तक। कला हो, सौन्दर्य हो, माधुर्य हो, कहां-कहां कृष्ण हैं।
अपनी चर्चा में उन्होंने सोमनाथ मंदिर से 3-4 किलोमीटर दूरी पर स्थित भालका तीर्थ का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि भालका तीर्थ वह है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने धरती पर अपने अंतिम पल बिताये थे। एक प्रकार से इस लोक की उनकी लीलाओं का वहां समापन हुआ था। सोमनाथ ट्रस्ट द्वारा उस सारे क्षेत्र में विकास के बहुत सारे काम चल रहे हैं।
एक आर्ट-बुक का हवाला देकर प्रधानमंत्री ने देश की जनता से जदुरानी दासी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जदुरानी दासी जी अमेरिकन हैं। वहीं पैदा हुयी हैं। लालन-पालन भी अमेरिका में हुआ है। लेकिन वे इस्कॉन से जुड़ी हैं। वे भक्ति आर्ट में निपुण हैं। मेरे सामने बड़ा सवाल यह था कि जिनका जन्म अमेरिका में हुआ और जो भारतीय भावों से इतना दूर रहीं हैं, वे आखिर कैसे भगवान श्रीकृष्ण के इतने मोहक चित्र बना लेती हैं। मेरी उनसे लंबी बात हुई थी। प्रधानमंत्री ने जदुरानी दासी से हुई बातचीत के कुछ अंश भी सुनाये।
इसी संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा, “साथियो, दुनिया के लोग जब आज भारतीय अध्यात्म और दर्शन के बारे में इतना कुछ सोचते हैं, तो हमारी भी ज़िम्मेदारी है कि हम अपनी इन महान परम्पराओं को आगे लेकर जाएं। जो कालबाह्यी है, उसे छोड़ना ही है लेकिन जो कालातीत है उसे आगे भी ले जाना है।
उन्होंने कहा कि हम अपने पर्व मनाएं, उसकी वैज्ञानिकता को समझें, उसके पीछे के अर्थ को समझें। इतना ही नहीं, हर पर्व में कोई न कोई सन्देश है, कोई-न-कोई संस्कार है। हमें इसे जानना भी है, जीना भी है और आने वाली पीढ़ियों के लिए विरासत के रूप में उसे आगे बढ़ाना भी है।
प्रधानमंत्री ने देश की युवा शक्ति और उसकी नई सोच को आगे रखते हुए कहा कि वह सर्वोत्तम पाने की इच्छा रखता है और उसकी यही सोच देश के लिए बहुत बड़ी शक्ति बन सकती है। उन्होंने बताया कि सरकार इसके लिए कई तरह के प्रयास कर रही है।