– सत्र शुरू होने से पूर्व मुख्यमंत्री ने मीडिया को किया संबोधित, बसपा किसान बिल का करेगी विरोध
लखनऊ :- विधानमंडल के मानसून सत्र मंगलवार को शुरू होने से पहले ही सपा ने बैलगाड़ी से सदन जाकर इसे हंगामेदार रहने का संकेत दे दिया है। वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने कृषि कानूनों के विरोध करने का संकेत पहले ही दिया है। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सत्ता पक्ष हर मुद्दे पर जवाब देने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सत्ता पक्ष गांव, गरीब, महिलाओं व विकास के हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। हमें उम्मीद है कि सदन में सार्थक चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि सदन में दिवंगत विधायक सुरेश श्रीवास्तव, औरैया विधायक रमेश चंद्र दिवाकर, नवाबगंज विधायक केसर सिंह, सलोन रायबरेली के विधायक दल बहादुर कोरी व विधायक देवेंद्र प्रताप सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विधानमंडल सत्र में जनहित से जुड़े प्रत्येक मुद्दों पर चर्चा होगी। मुझे विश्वास है कि सभी सदस्य सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कार्यवाही में भाग लेंगे।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सभी का दायित्य है कि जनहित से जुड़े हर मुद्दे पर सदन में चर्चा करें। उनके निदान के बारे में अपनी राय दें और सरकार उनको दूर करने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि सदन में हंगामा करने से किसी भी समस्या का हल नहीं निकलेगा। सिर्फ समय खराब होगा और सदन निर्धारित समय पर स्थगित हो जाएगा।
गौरतलब है कि सदन में बुधवार को योगी आदित्यनाथ सरकार दोपहर 12:30 बजे अनुपूरक बजट पेश करेगी। योगी आदित्यनाथ सरकार वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए पहला अनुपूरक बजट विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश करेगी। इस बजट पर गुरुवार को चर्चा होगी। चुनावी साल में अनुपूरक बजट के जरिए सरकार विभिन्न वर्गों को साधने के साथ भाजपा के संकल्प पत्र के अधूरे वादों को भी पूरा करने की कोशिश करेगी। इसके साथ ही कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों और निराश्रित महिलाओं की देखभाल के लिए भी धनराशि का इंतजाम करेगी। सरकार की तरफ से अयोध्या, वाराणसी और गोरखपुर में विभिन्न परियोजनाओं के लिए भी अनुपूरक बजट में धन आवंटन किया जा सकता है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि पार्टी विधायक कृषि कानूनों के विरोध में आवाज उठाएंगे। पूरा प्रयास रहेगा कि सरकार इन कानूनों को प्रदेश में लागू न करने पाए। प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था व दलित उत्पीड़न के मामलों को भी जोर शोर से उठाया जाएगा। सोमवार को मायावती ने कहा कि इस समय देश और प्रदेश में हाल बुरा है। किसान लगातार कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं पर कोई सुन नहीं रहा है। बसपा भी इन कानूनों के पक्ष में नहीं है। पार्टी दलितों, पिछड़ों, महिलाओं व अकलियतों पर हो रहे जुल्मों के विरोध में भी आवाज उठायेगी।
Publish by- shivam Dixit
@shivamniwan