भदोही: समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शिक्षक दिवस यानी पांच सितम्बर को भदोही आ रहे है। यहां वह एक शिक्षक सम्मेलन में शिक्षकों को सम्मानित करने के साथ जनसभा को भी सम्बोधित करेंगे। दरअसल शिक्षक सम्मेलन और सम्मान तो एक बहाना है। जमीनी हकीकत यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री इसी बहाने पूर्वांचल के प्रबुद्ध वर्ग को साधने आ रहे हैं। निश्चित रूप से अगर प्रबुद्ध वर्ग उनके साथ जुड़ता है तो उन्हें एक मजबूत जमीन मिल जाएगी। क्योंकि आगामी विधानसभा में उनका सीधा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और हिंदुत्व के फायर ब्रांड नेता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस रैली के बहाने पूर्वांचल के प्रबुद्ध वर्ग को साधने का मन बनाया है। क्योंकि शिक्षक सबसे प्रबुद्ध और समाज का आईना होता है। अखिलेश यादव यह सोचते होंगे कि पूर्वांचल में शिक्षकों का अगर एक बड़ा वर्ग समाजवादी पार्टी से जुड़ता है तो इसका सीधा लाभ आगामी विधानसभा चुनाव में होगा। क्योंकि शिक्षक समाज का पथ प्रदर्शक और प्रबुद्ध वर्ग माना जाता है। इनारगांव के एक कालेज में शिक्षकों सम्मानित करने के साथ दिव्यांग विश्वविद्यालय चित्रकूट के पूर्व कुलपति डा. वीराम पांडेय की धर्मपत्नी दिवंगत विमला देवी की प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे। इसी बहाने वह ब्राह्मणों को भी साधने का काम करेंगे।
शिक्षक दिवस के बहाने अखिलेश यादव पूर्वांचल की राजनीति को भी साधने का काम करेंगे। अखिलेश यादव की यह रैली मिर्जापुर मंडल के भदोही जनपद के इनारगांव में आयोजित हो रही है। मिर्जापुर में तीन जनपद मिर्जापुर, सोनभद्र और भदोही है। इसके साथ ही पूर्वांचल के वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर, मऊ, आजमगढ़, बलिया और चंदौली जैसे जनपदों से भी काफी संख्या में समाजवादी कार्यकर्ता यहां आएंगे। समाजवादी पार्टी की तरफ से प्रदेश भर के शिक्षकों को आमंत्रित किया गया है। इस लिहाज से काफी तादात में समाजवादी विचारधारा से जुड़े शिक्षक के यहां आ सकते हैं।