उत्तराखंड हाई कोर्ट ने राजाजी नेशनल पार्क क्षेत्र में देहरादून – दिल्ली नेशनल हाइवे में फास्टट्रैक बनाने मे कटने वाले 2500 साल के पेड़ों को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य व केंद्र सरकार सहित याचिकाकर्ता से 3 सप्ताह में विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है आपको बता दे कि देहरादून निवासी रेनू पॉल ने उत्तराखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि दिल्ली देहरादून नेशनल हाईवे की दूरी को कम करने के लिए राज्य सरकार राजाजी नेशनल पार्क क्षेत्र में लगभग ढाई हजार साल के पेड़ों को काटने की योजना बना रही है मात्र कुछ किलोमीटर की दूरी को कम करने के लिए ढाई हजार पेडो को काटना उचित नहीं है।
क्योंकि इस क्षेत्र में पहले से ही काफी चौड़ी सड़क बनी हुई है याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि देहरादून की भार वहन क्षमता पूरी तरह से भर चुकी है यह क्षेत्र मध्य शिवालिक क्षेत्र के भूभाग में आता है, जो एक पर्यावरण के दृष्टिकोण से विशेष क्षेत्र है और यही से पानी का रिचार्ज भी पूरी दून घाटी में होता है | वृक्षों का कटान पूरी दून घाटी के पर्यावरण क्षेत्र के लिए हानिकारक हो सकता है जनहित याचिका में कहा गया है कि राजाजी नेशनल पार्क स्थित मोहंड क्षेत्र में दिल्ली-देहरादून हाईवे के चौड़ीकरण के लिए ढाई हजार पेड़ों का कटान किया जा रहा है। मोहंड क्षेत्र नेशनल पार्क की परिधि में होने के साथ ही शिवालिक क्षेत्र के भूभाग में आता है। जो पर्यावरण के दृष्टिकोण से विशेष महत्व रखता है। यहीं से पूरी दून घाटी के लिए पानी रिचार्ज होता है। पेड़ों का कटान पूरी दून घाटी के लिए हानिकारक हो सकता है।