गोरखपुर: सितम्बर में कोरोना की तीसरी लहर की आवक देख नीति आयोग ने हर रोज तकरीबन चार लाख मरीजों के मिलने की आशंका जताई है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य महकमे में काफी बेचैनी है। अब विभाग ने कोरोना इलाज में जरूरी नौ दवाओं के स्टॉक को खंगालना शुरू कर दिया है। न सिर्फ सरकारी आपूर्ति से जुड़ी स्टॉक सम्बंधी जानकारियां इकट्ठी की जा रहीं हैं, बल्कि प्राइवेट स्टॉकिस्टों और दवा विक्रेताओं से भी खरीद-बिक्री का विवरण मांगा जा रहा है। दवा विक्रेताओं को कोरोना वायरस के इलाज से जुड़े नौ दवाओं की खरीद-बिक्री का विवरण हर दिन ड्रग इंस्पेक्टर को देना होगा।
कोरोना की तीसरी लहर की आमद का अभी खतरा बना है। इसको देखते हुए स्वास्थ्य और औषधि विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। अब हर जिले के दवा व्यापारी से दवाओं के स्टाक का विवरण मांगा जा रहा है। विभाग ने हर दिन की दवा आपूर्ति के स्टॉक की निगरानी भी शुरू कर दिया है।
प्रदेश ड्रग कमिश्नर ने लिखा है पत्र
कोरोना वायरस के तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्रदेश के ड्रग कमिश्नर एके जैन ने सभी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टर्स को पत्र लिखा है। दवा विक्रेताओं को भी यह भेजा गया है। अब ड्रग इंस्पेक्टर्स और दवा विक्रेता इस बावत जानकारियों को साझा करना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि संभावित दवाओं के स्टॉक संबंधी जानकारियों की सूची उपलब्धता का आधार पर तैयार की जा रही है। संभावित आवश्यकताएं भी बताई जा रहीं हैं।
बच्चों में ”मल्टी इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम” की आशंका
पत्र में साफ किया गया है कि कोरोना की तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है। इसमें बच्चे भी प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में बच्चों में मल्टी इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम की आशंका है। कोरोना के इलाज में कुछ दवाओं को जीवन रक्षक दवाओं की श्रेणी में रखा गया है। इनके रोजाना विवरण की दरकार है।
जरूरी हैं ये दवाएं
औषधि प्रशासन विभाग ने कोरोना संक्रमण के इलाज में नौ दवाएं शामिल हैं। रेमडेसीविर, आईवरमेक्टिंन, टॉसिलिजूमैब, मिथाइल-प्रेडनीसोलोन, डेक्सामेथासोन, हेपरिन इंजेक्शन, इंफोटेरेसिन-बी, इम्यूनोग्लोबिन और पोसाकोनाजोल प्रमुख हैं। इन दवाओं के रोजाना खरीद और बिक्री का विवरण दवा व्यापारियों को मुहैया कराने का निर्देश भी दिया गया है। इसे विभाग द्वारा भेजे गए एक्सेल शीट में फॉर्मेट उपलब्ध कराना है। यह जानकारी भी देनी है कि दवाओं का स्टॉक कितना है, कितनी खरीदी गई हैं और कितनी बिक्री हो चुकी है। रोजाना का विवरण भरकर ड्रग इंस्पेक्टर के जरिए प्रदेश मुख्यालय को भेजना है।
बोले महामंत्री
इस सम्बंध में दवा विक्रेता समिति के महामंत्री आलोक चौरसिया का कहना है कि शासन का निर्देश दवा व्यापारियों को भी मिला है। दवा के स्टॉक के रोजाना का विवरण की मांगा गया है। लेकिन, एक दवा व्यापारी के लिए रोजाना दवा के खरीद-बिक्री का विवरण मुहैया कराना संभव नहीं है। विभाग इस जानकारी को संबंधित दवा कंपनियों से ले सकता है।