फर्रुखाबाद :- जिले के तकरीबन 250 गावों के लिए अभिशाप बना गंगा और राम गंगा का जल स्तर शुक्रवार को चेतावनी बिंदु से नीचे पहुंच गया,लेकिन दूसरी ओर दोनों नदियों ने कटान तेज कर दिया है। इससे गंगा के किनारे बसे लोगों की नींद उड़ गई है।
गंगा और राम गंगा, दोनों नदियां गंगापार क्षेत्र के बाशिंदों के लिए अभिशाप बनी हुई हैं। इन नदियों में हर वर्ष आने वाली बाढ़ से दर्जन भर गांव गैर आबाद हो गए हैं। ग्राम नहरैया का अस्तित्व पूरी तरह मिट गया है। इस साल भी यह दोनों नदियों का जल स्तर चेतावनी बिंदु से ऊपर पहुंच गया था। एकाएक दोनों नदियों का जल स्तर शुक्रवार को एक साथ गिर गया। हालांकि जल स्तर गिरने के साथ गंगा और रामगंगा ने कटान तेज कर दिया है।
गांव मंझा की मड़ैया के रहने वाले वीरभान तथा अमृतपुर के पूर्व प्रधान सिद्धनाथ सिंह बताते हैं कि कुम्हरोर,मंझा की मड़ैया, सबलपुर,बरुआ सहित दर्जन भर गावो में गंगा तेजी से कटान कर रही है। गांव सवलपुर के बीरेंद्र सिंह बताते है कि गंगा नदी इतनी तेजी से कटान कर रही है, जिससे आस पास बसे गांवों का अस्तित्व मिट जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है। इन गांवों के लोगों की रात की नींद और दिन का चैन जाता रहा है।गांव वालों का कहना है कि जिला प्रशासन गंगा व रामगंगा के कटान को रोकने का कोई प्रयास नही कर रहा है। इससे किसी भी समय यह गांव गंगा और राम गंगा में समा सकते हैं। इस सम्बंध में जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह का कहना है बाढ़ नियंत्रण चौकियों पर तैनात अधिकारी एवं कर्मचारी गंगा और राम गंगा के कटान पर पूरी तरह नजर रखे हुए हैं। अधिशाषी अभियंता सिचाई विभाग को मौके पर जाकर कटान रोकने के निर्देश दिए गए है। प्रशासन बाढ़ और कटान पर पूरी तरह नजर रखे हुए है।