उत्तराखंड बनने के बाद से भाजपा और कांग्रेस ही बारी-बारी से सत्ता में आते रहे हैं..उत्तराखंड क्रांति दल समेत क्षेत्रीय ताकतें यहां कभी उभर नहीं पाई…सपा यहां पनप नहीं पाईं तो बसपा का जनाधार भी बुरी तरह सिमटा है..लेकिन अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अब आम आदमी पार्टी की धमक से नए सियासी समीकरण बन सकते हैं…दरअसल आप की रणनीति BJP-कांग्रेस की जगह राज्य में सबसे बड़ी सियासी ताकत के तौर पर खुद को पेश करने की है।
आम आदमी पार्टी ने 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में फ्री बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दों पर सभी सीटों पर चुनाव लडऩे का एलान किया है… वहीं बीजेपी-कांग्रेस के नेताओं का कहना है लोकतंत्र में कोई भी कहीं से चुनाव लड़ सकता है…लेकिन पहाड़ की जो परिस्थितियां हैं, उसमें केवल नारों से काम नहीं चलेगा..नारों से विकास नहीं होता..इसलिए आप के लिए यहां कोई गुंजाइश नहीं है…जनता अब समझ चुकी है कि शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य जैसे मसले केवल राष्ट्रीय पार्टियां ही हल कर सकती हैं।
कांग्रेस और बीजेपी जैसी पुरानी और मजबूत संगठन वाली पार्टी के विकल्प के रूप में खुद को तैयार करना आम आदमी पार्टी के लिए इतना आसान नहीं है..लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टियों के बीजेपी-कांग्रेस के बड़े चेहरे आप के प्लेटफार्म का इस्तेमाल करने का रास्ता चुन सकते हैं..जो स्वयं को हाशिये पर पा रहे हैं..आप अपने मकसद में कितना कामयाब होती है, इसकी झलक आने वाले दिनों में दिखने लगेगी।