Vice President Election: देश के नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। चुनाव आयोग के अनुसार 7 अगस्त से 21 अगस्त तक नामांकन दाखिल किए जा सकते हैं। 22 अगस्त को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 25 अगस्त तक उम्मीदवार नाम वापस ले सकते हैं। यदि एक से अधिक उम्मीदवार मैदान में रहते हैं, तो 9 सितंबर को मतदान होगा।
NDA की रणनीति, सहयोगियों को साथ लेकर आगे बढ़ने की तैयारी
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले NDA ने अभी से अपने सहयोगी दलों से समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है। पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह लगातार NDA नेताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं। शिवसेना, जेडीयू, टीडीपी और अपना दल पहले ही समर्थन का भरोसा दे चुके हैं। BJP एक ऐसे उम्मीदवार को खड़ा करने की तैयारी में है जो संघ की विचारधारा में भी फिट बैठे और विपक्षी दलों को भी साध सके।
INDIA ब्लॉक की तैयारी, साझा उम्मीदवार के जरिए मजबूत टक्कर
कांग्रेस और विपक्षी दलों का INDIA ब्लॉक भी इस चुनाव को लेकर पूरी तरह एक्टिव हो गया है। राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दल साझा उम्मीदवार उतारने की रणनीति बना रहे हैं।
उद्देश्य सिर्फ चुनाव जीतना नहीं, बल्कि विपक्ष की एकजुटता और ताकत का प्रदर्शन करना भी है। INDIA गठबंधन चाहता है कि NDA को धनखड़ जैसी आसान जीत न मिले।
कौन होगा अगला उपराष्ट्रपति? नामों पर मंथन जारी
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब सबकी निगाहें दोनों गुटों के संभावित उम्मीदवारों पर हैं। BJP का जोर ऐसे नाम पर है, जो सभी सहयोगियों को साथ ला सके, वहीं कांग्रेस प्रभावशाली और सर्वमान्य नेता की तलाश में है।
हालांकि अभी तक किसी भी दल ने अपने उम्मीदवार का औपचारिक ऐलान नहीं किया है।
उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया क्या है?
उपराष्ट्रपति को संसद के दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य चुनते हैं।
यह चुनाव बैलेट पेपर और सिंगल ट्रांसफरेबल वोट प्रणाली के जरिए होता है, ना कि EVM से।
इस प्रक्रिया में व्हिप लागू नहीं होता, यानी सांसद अपनी इच्छा से वोट डालते हैं।
क्या BJP बना पाएगी आम सहमति?
BJP की कोशिश है कि उम्मीदवार के ऐलान से पहले ही सहयोगियों और संभावित गैर-समर्थकों से चर्चा कर ली जाए। इसके लिए राजनाथ सिंह और अमित शाह जैसे वरिष्ठ नेता विपक्ष से संवाद करेंगे।
हालांकि INDIA ब्लॉक के रवैये को देखते हुए निर्विरोध चुनाव की संभावना कम ही नजर आती है।
विपक्ष की बड़ी चुनौती, NDA को टक्कर देना आसान नहीं
हालांकि विपक्ष एकजुट हो रहा है, लेकिन NDA के पास नंबरों का गेम मजबूत है।
भारत की संसद में BJP और उसके सहयोगियों का बहुमत होने के कारण उपराष्ट्रपति पद NDA के पाले में जाने की संभावना अधिक है।
फिर भी INDIA ब्लॉक इस चुनाव को सांकेतिक लड़ाई के रूप में देख रहा है।
लोकतंत्र की नई कसौटी बनेगा उपराष्ट्रपति चुनाव
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 केवल एक संवैधानिक पद के लिए चुनाव नहीं है, बल्कि यह विपक्ष और सत्तापक्ष दोनों की राजनीतिक रणनीतियों और ताकत के प्रदर्शन का बड़ा मंच है।
देखना दिलचस्प होगा कि NDA की रणनीति हावी होती है या INDIA ब्लॉक कुछ बड़ा उलटफेर करता है।
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