देशभर में 30 मार्च को जहां मर्यादा पुरुषोत्तम के जन्म उत्सव की गूंज थी, देश भगवान राम के जन्म के उत्सव में डूबा था, चारों तरफ उमंग और आस्था का वातावरण छाया हुआ था तो दूसरी तरफ देश में कई ऐसे राज्य भी थे जहां आफत हो गई और जमकर झड़प हुई। गुजरात के वडोदरा में में फतेहपुरा इलाके में रामनवमी के जुलूस पर पथराव किया गया, इसके अलावा पश्चिम बंगाल (West Bengal) के हावड़ा (Howrah) में भी रामनवमी जुलूस के दौरान पथराव हुआ और वाहनों में आग भी लगाई गई।
हंगामे के बाद पुलिस कर्मियों ने इलाके में फ्लैग मार्च किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हावड़ा की घटना पर नाम लिए बिना बीजेपी को दोषी ठहराया अब आप तो जानते हैं कि देश कि सियासत में जुबानी वॉर होना तो लाज़मी है। ममता बनर्जी के बयान का पलटवार करते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने हावड़ा में रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर निशाना साधा।
स्मृति ने ममता बनर्जी पर जुलूस के दौरान पथराव करने वालों को क्लीन चिट देने का आरोप लगाया है, उन्होंने कहा “सवाल यह है कि ममता कब तक हिंदू समुदाय पर हमले करती रहेंगी। ये पहली बार नहीं है जब उनके कार्यकाल में ऐसी घटना हुई इससे पहले भी कई बार हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाकर हमले करवाती रहीं हैं। साल 2022 में जब लक्ष्मी पूजा पर जब दलित पूजा कर रहे थे तो उन पर हमला किया गया था। इन सब हमले और दंगे फसाद से ये साफ पता लगता है कि ममता हिंदू के खिलाफ हैं।
भाजपा और टीएमसी आमने सामने आ गए हैं लगातार जुबानी वॉर एक दूसरे के ऊपर महाभारत के युद्ध की तरह छिड़ा हुआ है। हालांकि पहली बार नहीं जब ममता ने भाजपा पर निशाना साधा हो इससे पहले भी वो सीधा पीएम मोदी पर निशाना साध चुकी हैं।
रामनवमी समारोह के दौरान हावड़ा में हुई हिंसा के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने शुक्रवार (31 मार्च) को आपराधिक जांच विभाग (CID) को जांच सौंपी गई पुलिस महानिरीक्षक, सीआईडी सुनील चौधरी के नेतृत्व में एक विशेष टीम ने जांच शुरू की है।
इन दिनों तो वैसे भी सभी पार्टियों के बीच जुबानी वॉर छिड़ा हुआ है साल 2024 के चुनाव को लेकर सियासत में महाभारत का युद्ध छिड़ा हुआ है। सभी पार्टियां एक दूसरे के चक्रव्यूह में फंसाने में जुटीं हुईं हैं और अपने आप को आगे रखकर जीत की कोशिश में शब्दों के ऐसे कड़े प्रहार कर रहीं हैं कि अमर्यादित भाषा का भी इस्तेमाल करने से परहेज नहीं कर रहीं हैं।

