प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पिता पर विवादित टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को मिली अंतरिम राहत को बढ़ा दी गई है। आज सुप्रीम कोर्ट में खेड़ा की याचिका पर सुनवाई होनी थी लेकिन इसे शुक्रवार (3 मार्च) तक के लिए टाल दी गई है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा पर यूपी के लखनऊ, वाराणसी और असम में दर्ज 3 एफआईआर को एक जगह ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। इसको लेकर कोर्ट ने यूपी और असम सरकार को नोटिस भी जारी किया था। असम और यूपी सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय मांगा है इसी वजह से सुनवाई टाल दी गई है।
गौरतलब है कि 23 फरवरी को कांग्रेस के 85वां महाधिवेशन में रायपुर जा रहे पवन खेड़ा को असम पुलिस ने विमान से उतारकर गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद कांग्रेस नेता व वकिल अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की। जिसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 28 फरवरी तक के लिए अंतरिम जमानत देकर राहत दे दी थी।
क्यों दर्ज हुई पवन खेड़ा के खिलाफ एफआईआर ?
बता दें कि कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने 20 फरवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर कहा था, “जब अटल बिहारी वाजपेयी जेपीसी बना सकते हैं तो नरेंद्र गौतम दास मोदी को क्या समस्या है?” इसके बाद उन्होंने आसपास खड़े लोगों से पूछा था कि गौतम दास या दामोदर दास। फिर, उन्होंने कहा कि नाम भले ही दामोदर दास है, उनका काम गौतम दास का है। हालांकि उन्होंने बाद में सफाई देते हुए यह भी कहा था कि प्रधानमंत्री के नाम को लेकर उन्हें कन्फ्यूजन था।

