Operation Mahadev: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में भारतीय सेना ने सोमवार को एक बड़ी आतंकवाद विरोधी कार्रवाई को अंजाम दिया। इस मुठभेड़ में सेना ने लश्कर-ए-तैयबा के तीन पाकिस्तानी आतंकियों को ढेर कर दिया। इस ऑपरेशन की खास बात यह रही कि इसमें एक चीनी संचार उपकरण (Communication Device) की मदद से आतंकियों तक पहुंच बनाई गई।
कौनसी डिवाइस बनी सेना की आंख और कान?
सेना को आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी उस वक्त मिली जब 11 जुलाई को बाईसरन इलाके में एक चीनी सैटेलाइट कम्युनिकेशन डिवाइस का सिग्नल एक्टिव हुआ। इस डिवाइस का नाम Ultra Set बताया जा रहा है। यह एक एडवांस्ड रेडियो वेव बेस्ड कम्युनिकेशन सिस्टम है, जो GSM या CDMA नेटवर्क से अलग तरीके से काम करता है और सीधे पाकिस्तान में स्थित कंट्रोल स्टेशन से जुड़ा होता है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान की सेना और आतंकी संगठन अब इस प्रकार की तकनीक का उपयोग कर रहे हैं ताकि उनकी गतिविधियों को पकड़ा न जा सके।
जंगलों में हुआ तगड़ा एनकाउंटर
सुरक्षा एजेंसियों द्वारा दो हफ्तों तक चली खुफिया निगरानी के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन महादेव लॉन्च किया। महादेव पीक, जो जबरवान रेंज में आता है, वहां घने जंगलों में आतंकी छिपे हुए थे। सेना की 24 नेशनल राइफल्स और 4 पैरा कमांडो यूनिट ने सुबह 11 बजे संदिग्ध गतिविधियों को ट्रैक किया और कार्रवाई शुरू कर दी।
तीनों आतंकी एक टेंट में छिपे हुए थे, जिन्हें सेना ने घेर लिया और मुठभेड़ में कुछ ही मिनटों में ढेर कर दिया।
कौन थे मारे गए आतंकी?
मारे गए आतंकियों की पहचान लश्कर-ए-तैयबा के सदस्यों के रूप में हुई है।
- सुलेमान उर्फ आसिफ: 22 अप्रैल 2024 को हुए पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड।
- यासिर
- अबू हमजा
इन तीनों ने पाकिस्तान से सीमा पार करके भारत में घुसपैठ की थी और आतंकी गतिविधियों की योजना बना रहे थे।
चीनी डिवाइस का आतंकियों से कनेक्शन
सेना और खुफिया एजेंसियों को यह जानकारी भी मिली है कि अप्रैल के पहलगाम हमले में भी आतंकी Huawei के प्रतिबंधित सैटेलाइट फोन और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे थे। इनका मकसद पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलर्स से सुरक्षित तरीके से संपर्क बनाए रखना था।
जब तकनीक बनी सुरक्षा का हथियार
ऑपरेशन महादेव इस बात का उदाहरण है कि कैसे भारतीय सेना अब तकनीक और खुफिया जानकारी के संयोजन से आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई कर रही है। साथ ही, यह भी स्पष्ट है कि पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह अब चीनी टेक्नोलॉजी का उपयोग करके भारत में हमलों की साजिश रच रहे हैं।
इस तरह की तकनीकी निगरानी और रियल-टाइम इंटेलिजेंस भारतीय सेना की रणनीति को और मजबूत बना रही है।
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