Noida: गौतमबुद्ध नगर में किसानों और प्रशासन के बीच तनाव गहराता जा रहा है। जिले में किसानों के आंदोलन पर पुलिस की पैनी नजर है। अब तक 130 किसानों को गिरफ्तार कर ग्रेटर नोएडा की लुक्सर जेल भेज दिया गया है। किसान आंदोलन की स्थिति अभी भी बनी हुई है, और पुलिस लगातार निगरानी कर रही है।
पुलिस का सख्त रुख
पुलिस ने आंदोलन का नेतृत्व करने वाले 130 प्रमुख किसानों को गिरफ्तार किया है। इनमें कई मुख्य किसान नेता शामिल हैं, जो आंदोलन को आगे बढ़ा रहे थे। पुलिस ने कुछ अन्य नेताओं को सचेत करते हुए कहा है कि आंदोलन बढ़ाने की सूरत में उन्हें भी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी प्रकार की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो लोग शांति व्यवस्था भंग करेंगे, उनके खिलाफ कठोर कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
कैसे बढ़ा आंदोलन?
किसान आंदोलन की शुरुआत 29 नवंबर 2024 से हुई, जब किसानों ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। इसके बाद यह आंदोलन तेज होता गया।
मुख्य घटनाक्रम:
- 29 नवंबर: ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पर किसानों का प्रदर्शन।
- 30 नवंबर: नोएडा प्राधिकरण मुख्यालय पर किसानों का धरना।
- 01 दिसंबर: यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी कार्यालय पर प्रदर्शन।
- 02 दिसंबर: संसद कूच की कोशिश; पुलिस से झड़प के बाद धरने की शुरुआत।
- 03 दिसंबर: पुलिस ने धरना समाप्त कराते हुए 123 किसानों को गिरफ्तार किया।
- 04 दिसंबर: राकेश टिकैत को हिरासत में लिया गया, लेकिन बाद में किसानों को रिहा किया गया।
- 05 दिसंबर: रात में पुलिस ने छापेमारी कर बड़ी संख्या में किसानों को गिरफ्तार किया।
- 06 दिसंबर: किसान नेताओं द्वारा दोबारा एकजुट होने की घोषणा के बाद पुलिस ने सख्त कार्रवाई की।
क्या हैं किसानों की मांगें?
किसानों ने अपनी भूमि अधिग्रहण, मुआवजा, और विकास प्राधिकरण से जुड़ी अन्य मांगों को लेकर आंदोलन छेड़ा है।
ये भी पढें..
Noida: नोएडा में शराब के नशे में तीन युवकों ने जानबूझकर मारी कार को टक्कर, धमकी देकर फरार
आगे की रणनीति पर नजर
संयुक्त किसान मोर्चा ने 5 दिसंबर को बैठक बुलाई थी, जिसमें आंदोलन की आगे की दिशा तय की जाएगी। हालांकि, पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है और किसी भी संभावित आंदोलन को रोकने के लिए सख्ती बरत रहा है।