Noida : नोएडा प्राधिकरण ने बरौला गांव में स्थित करीब 12 ऊंची अवैध इमारतों को तोड़ने के लिए मालिकों को अंतिम नोटिस जारी किया है। ये इमारतें बिना प्राधिकरण की मंजूरी के बनी हैं, और इनमें कई बड़े शोरूम भी संचालित हो रहे हैं। नोटिस में मालिकों से 15 दिनों के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा गया है, और यदि वे संतोषजनक जवाब नहीं देते या पक्ष नहीं रखते, तो तोड़फोड़ की कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला नोएडा के उन 50 से अधिक गांवों में से एक का है, जहाँ सरकारी जमीन पर अवैध रूप से ऊंची इमारतें खड़ी की गई हैं। इन इमारतों का निर्माण हाल ही में हुआ है, और नियमों को ताक पर रखकर यहां शोरूम, ऑफिस और अन्य व्यावसायिक गतिविधियां चल रही हैं। इन पर कार्रवाई शुरू की गई है, लेकिन अब तक कई बार निर्णय लेने के बावजूद इमारतें नहीं गिर पाई हैं।
नोटिस के बाद क्या हुआ?
नोटिस जारी (Noida) करने के बावजूद कई मामलों में कार्रवाई की गति धीमी रही है। कुछ महीनों पहले इन इमारतों पर अवैध होने का नोटिस चस्पा किया गया था, लेकिन मालिकों ने अगले दिन ही नोटिस को फाड़कर हटा दिया। इस पर भी प्राधिकरण ने किसी ठोस कार्रवाई का कदम नहीं उठाया। अब, प्राधिकरण ने एक एजेंसी का चयन किया है, जो इन इमारतों को तोड़ेगी। यह एजेंसी लगभग 90 लाख रुपए प्राधिकरण को देगी और तोड़ने के बाद मिलने वाले निर्माण सामग्री का मालिकाना हक भी उसे होगा। अधिकारियों के अनुसार, एजेंसी के पास उच्च तकनीक मशीनें होंगी, जो बिना आस-पास की इमारतों को नुकसान पहुंचाए, तेजी से इमारतों को गिरा सकेंगी।
कोर्ट का आदेश
प्राधिकरण (Noida) ने टेंडर प्रक्रिया के तहत मई में एक एजेंसी का चयन किया था, लेकिन इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इस बीच, संबंधित इमारतों के मालिक सूरजपुर स्थित कोर्ट में गए थे, जहाँ कोर्ट ने प्राधिकरण की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। कोर्ट के आदेश के बाद, प्राधिकरण को मालिकों का पक्ष सुनने का निर्देश दिया गया, जिसके बाद कार्रवाई फिर से आगे बढ़ाई गई।
इसके अलावा, नोएडा में सलारपुर और हाजीपुर जैसे इलाकों में तेजी से अवैध निर्माण हो रहा है। इन जगहों पर कॉलोनियां काटकर और फ्लैट्स बनाकर बेचे जा रहे हैं। इसके बावजूद, प्राधिकरण ने इन इलाकों में अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की है। पिछले साल अप्रैल में यहां कार्रवाई के लिए अधिकारियों का दल गया था, लेकिन आज तक इन इलाकों में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।