Noida News: न्यू नोएडा को बसाने की तैयारी तेज हो गई है। न्यू नोएडा के मास्टर प्लान-2041 को लेकर आई सभी 19 आपत्तियों का समाधान कर दिया गया है। शासन से मंजूरी के लिए मास्टर प्लान के फाइनल ड्राफ्ट को लखनऊ भेज दिया गया है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद तय किया जाएगा कि डीएनजीआईआर के लिए जमीन अधिग्रहण का कौन सी प्रक्रिया यहां अपनाई जाए। साथ ही इसके भू प्रयोग में बदलाव भी किया जाएगा।
ऐसे किया जा सकता है जमीन अधिग्रहण
जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया क्या होगी इसके लिए शासन से मंजूरी ली जाएगी। नोएडा में पहले अर्जेंसी क्लॉज के तहत यानी धारा-4 और धारा-6 के तहत जमीन अधिग्रहण की जाती थी। अब आपसी सहमति के जरिए किसानों से जमीन खरीदी जाती है। इसमें उस गांव के 60 प्रतिशत किसानों की रजामंदी होनी चाहिए। तीसरा लैंड पूल नीति है। इसे अब तक लागू नहीं किया गया है। हालांकि न्यू नोएडा के मास्टर प्लान बनाने और अप्रूव के दौरान अधिग्रहण के लिए इसी नीति पर विचार किया जा रहा था।
डीएनजीआईआर (दादरी नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन) होगा। डीएनजीआईआर गौतमबुद्ध नगर के 80 गांवों की जमीन अधिग्रहित कर बसाया जाना है। इसे नोएडा प्राधिकरण और एसपीए (स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट) ने बनाया है। डीएनजीआईआर करीब 21 हजार हेक्टेयर (203 वर्ग किमी) में बसाया जाएगा। न्यू नोएडा में 21 हजार हेक्टेयर का ब्रेकअप किया गया है। मास्टर प्लान 2041 में 40 प्रतिशत भू उपयोग औद्योगिक , 13 प्रतिशत आवासीय और ग्रीन एरिया व रीक्रिएशनल एक्टिविटी के लिए 18 प्रतिशत प्रावधान किया गया है। डीएनजीआईआर को गौतमबुद्ध नगर के 20 और बुलंदशहर के 60 गांवों को मिलाकर बनाया गया है।
6 लाख की होगी आबादी
इसके अलावा कॉमर्शियल, पीएसपी इंस्टीट्यूशनल, फैसिलिटी / यूटिलिटी, वाटर बॉडी, ट्रैफिक और ट्रांसपोटेशन भी यहां होगा। इसकी कुल आबादी 6 लाख मानी जा रही है। जिसमें 3.5 लाख की आबादी माइग्रेट होगी। जिनके लिए ईडब्ल्यूएस, एलआईजी , एमआईजी और एचआईजी प्रकार की यूनिट बनाई जाएंगी। इसके अलावा कुल रेजिडेंस एशल एरिया 2 हजार हेक्टेयर से ज्यादा होगा।
वित्तीय बजट बैठक में 1000 करोड़ रुपए किए रिजर्व
डीएनजीआईआर में भूमि अधिग्रहण और आंतरिक विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये बजट आवंटित किया हैं। यह राशि इस साल फरवरी में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान साइन किए गए एमओयू के लिए नोएडा प्राधिकरण की भूमि आवश्यकताओं को पूरा करेगी। अधिकारियों के अनुसार, मांग करने वाली कंपनियों को “स्मार्ट” भौतिक बुनियादी ढांचे वाले शहर डीएनजीआईआर में आवंटन दिया जाएगा।
एसटीपी के लिए जमीन का किया आवंटन
नोएडा से सटे खोड़ा कालोनी से उत्सर्जित हो रहे सीवेज के सोधन के लिए एसटीपी के निर्माण के लिए सेक्टर-62 में 132 केवी विद्युत उपकेंद्र के पास 16000 वर्गमीटर जमीन सशुल्क आंवटित की गई। ये जमीन एनजीटी के आदेश पर की गई है। इससे खोड़ा के निकलने वाले सिवरेज पानी को शोधित किया जाएगा।
औद्योगिक, आईटी और आईटीईएस के आवंटियों को राहत
शासन के 3 जून 2022 के आदेश के क्रम में औद्योगिक , आईटी और आईटीईएस भूखंड जिनकी लीजडीड निष्पादन होने के बाद 28 जुलाई 2020 को 8 साल से अधिक व्यतीत हो चुकी है। इसके बाद भी आंवटित भूखंड क्रियाशील नहीं हुए है या न्यूनतम अधिभोग प्रमाण पत्र नहीं लिया गया। ऐसे भूखंडों के लिए 31 दिसंबर 2022 के बाद स्वत निरस्त करने का प्राविधान था। इसमें बदलाव करते हुए अब स्वता निरस्तीकरण की प्रक्रिया को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2024 कर दिया गया है। इस शासनसदेश को प्राधिकरण ने अंगीकृत किया है। इसके अलावा पूर्व के आदेश में निरस्त भूखंडों का स्थल का निरीक्षण कर मौके पर निर्माण एवं कार्य की स्थिति को देखते हुए 31 दिसंबर 2024 तक समय विस्तार दिए किए जाने पर केस टू केस बेसिस पर विचार किया जाए।