Maharashtra: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद अब महाविकास अघाड़ी (एमवीए) में दरार साफ नजर आने लगी है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता और एमएलसी मिलिंद नार्वेकर द्वारा बाबरी विध्वंस को लेकर किए गए पोस्ट से राजनीतिक बवाल मच गया है। इस विवाद के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) ने महाविकास अघाड़ी से अलग होने के संकेत दिए हैं।
अबू आजमी का तीखा बयान
समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र प्रमुख अबू आसिम आजमी ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा,
“समाजवादी पार्टी को महाराष्ट्र में अकेले चलना गवारा है, लेकिन महाविकास अघाड़ी में रहते हुए शिवसेना (यूबीटी) की सांप्रदायिक विचारधारा का हिस्सा बनना हरगिज़ गवारा नहीं।”
मिलिंद नार्वेकर के पोस्ट से शुरू हुआ विवाद
शिवसेना (यूबीटी) के एमएलसी मिलिंद नार्वेकर ने 6 दिसंबर को अपने एक्स हैंडल से बाबरी विध्वंस की एक तस्वीर पोस्ट की। इस पोस्ट में उन्होंने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के कथन का उल्लेख किया। नार्वेकर ने लिखा,
“मुझे उन लोगों पर गर्व है जिन्होंने ऐसा किया।”
पोस्ट में उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और उनकी तस्वीरें भी शामिल थीं। इस बयान ने न केवल राजनीतिक बल्कि सांप्रदायिक विवाद को भी जन्म दे दिया।
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सपा नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया
सपा विधायक रईस शेख ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा,
“मिलिंद नार्वेकर ने बाबरी विध्वंस पर गर्व की बात कही है। हमें यह याद दिलाना पड़ा कि महाविकास अघाड़ी को सभी धर्मों के लोगों का समर्थन मिला था। कट्टर हिंदुत्ववादी स्टैंड लेने से हमें अपनी स्थिति पर विचार करना होगा।”
महाविकास अघाड़ी पर मंडराते संकट के बादल
महाविकास अघाड़ी, जिसमें शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी और कांग्रेस शामिल हैं, अब समाजवादी पार्टी की नाराजगी के कारण संकट में घिरती नजर आ रही है। सपा के अलग होने की संभावना से अघाड़ी की राजनीतिक स्थिरता प्रभावित हो सकती है।