Kedarnath Yatra 2025: उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में इस साल की यात्रा न सिर्फ आस्था की मिसाल बन रही है, बल्कि कारोबार के लिहाज से भी रिकॉर्ड बना रही है। दो मई को कपाट खुलने के बाद से अब तक 7 लाख से ज्यादा श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं। केवल एक महीने में यात्रा से करीब 200 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है।
Kedarnath Yatra 2025, होटल और लॉज से हुई सबसे अधिक कमाई
तीर्थयात्रियों की भारी संख्या ने केदारनाथ और आसपास के क्षेत्रों में होटल, लॉज, गेस्ट हाउस और होमस्टे के कारोबार को नई ऊंचाइयां दी हैं। एक माह में होटल कारोबार से 100 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। साथ ही, GMVN (गढ़वाल मंडल विकास निगम) द्वारा संचालित विश्राम गृह और ध्यान गुफा की बुकिंग से 3.80 करोड़ रुपये का राजस्व मिला।
Kedarnath Yatra 2025, हेली सेवा से तीर्थयात्रियों को राहत
बुजुर्ग और असमर्थ यात्रियों के लिए हेली सेवा एक बड़ा सहारा बनी है। अब तक 33,000 से अधिक श्रद्धालु हेली सेवा से केदारनाथ पहुंचे, जिससे करीब ₹35 करोड़ की कमाई हुई है।
घोड़े-खच्चरों का अहम योगदान
करीब 1,39,444 तीर्थयात्री अब तक घोड़ा-खच्चर सेवा के माध्यम से बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। इन सेवाओं से अब तक ₹40.50 करोड़ रुपये की आय हुई है। यह सेवा विशेष रूप से उन लोगों के लिए मददगार साबित हुई है जो पैदल यात्रा में असमर्थ हैं।
डंडी-कंडी सेवा भी बनी सहारा
पैदल चलने में असमर्थ यात्रियों के लिए डंडी-कंडी सेवा ने बड़ी राहत दी है। 31 मई तक 29,275 श्रद्धालु इस सेवा का लाभ ले चुके हैं, जिससे ₹1.16 करोड़ की आय हुई है। इस वर्ष 7000 से अधिक डंडी-कंडी संचालकों को रजिस्ट्रेशन मिला है।
टैक्सी शटल सेवा से हुआ करोड़ों का कारोबार
225 टैक्सी गाड़ियाँ सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक श्रद्धालुओं को लाने-ले जाने का कार्य कर रही हैं। अब तक 7 लाख तीर्थयात्री इस सेवा का उपयोग कर चुके हैं, जिससे लगभग ₹7 करोड़ रुपये की आमदनी टैक्सी ऑपरेटरों को हुई है।
Kedarnath Yatra 2025, स्वच्छता नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना
यात्रा मार्ग पर स्वच्छता और पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने वाले प्रतिष्ठानों पर ₹2.26 लाख का जुर्माना लगाया गया। प्रशासन यात्रा को सुरक्षित और साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए सख्ती से कार्रवाई कर रहा है।
आस्था, रोजगार और कारोबार का संगम
सरकार का मकसद सिर्फ तीर्थयात्रियों को सुविधाएं देना नहीं, बल्कि स्थानीय युवाओं, महिलाओं और व्यापारियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना भी है। केदारनाथ यात्रा अब सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि आर्थिक परिवर्तन की धुरी भी बन रही है।
संक्षेप में केदारनाथ यात्रा से अब तक की आय (1 महीने में)
क्षेत्र | कमाई (रुपये में) |
होटल कारोबार | ₹100 करोड़ |
हेली सेवा | ₹35 करोड़ |
घोड़ा-खच्चर सेवा | ₹40.50 करोड़ |
डंडी-कंडी सेवा | ₹1.16 करोड़ |
टैक्सी शटल सेवा | ₹7 करोड़ |
GMVN बुकिंग | ₹3.80 करोड़ |
स्वच्छता जुर्माना | ₹2.26 लाख |
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