Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में किसान आंदोलन ने शनिवार शाम को एक नया मोड़ ले लिया, जब 20 किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में लुक्सर जेल में भूख हड़ताल शुरू कर दी। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे भूख हड़ताल जारी रखेंगे। उन्होंने प्रशासन और सरकार पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, “हमारे हक को जबरन छीना नहीं जा सकता।”
रालोद ने किया समर्थन
किसानों की गिरफ्तारी और उनकी समस्याओं को लेकर राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) सक्रिय हो गया है। शनिवार को रालोद का एक प्रतिनिधिमंडल जिला अध्यक्ष जनार्दन भाटी के नेतृत्व में पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह से मिला। जनार्दन भाटी ने बताया कि यह बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह के निर्देश पर आयोजित की गई।
प्रतिनिधिमंडल ने किसानों की रिहाई, उनकी मांगों के समाधान और भविष्य में किसी भी प्रकार के उत्पीड़न को रोकने की मांग रखी। बैठक के दौरान किसानों के अधिकारों और प्रशासन की भूमिका पर विस्तार से चर्चा हुई।
पुलिस ने दिया आश्वासन
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि किसानों के साथ किसी भी प्रकार की जबरदस्ती नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, “हम किसानों के हितों का ध्यान रखेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करेंगे।”
किसान संगठन लंबे समय से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। हालिया गिरफ्तारी और जेल में शुरू हुई भूख हड़ताल ने आंदोलन को और तीव्र कर दिया है। किसानों का आरोप है कि प्रशासन उनकी मांगों की अनदेखी कर रहा है।
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मुख्य सचिव और डीजीपी ने किया ग्रेटर नोएडा का दौरा
शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार ने ग्रेटर नोएडा का दौरा किया। मुख्य सचिव ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरणों को निर्देश दिया कि किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता पर हल किया जाए। उन्होंने तीनों प्राधिकरणों से कहा कि प्रत्येक किसान की सूची तैयार कर उन्हें समय पर उनके लाभ सुनिश्चित किए जाएं। मुख्य सचिव ने यह भी चेतावनी दी कि किसानों की समस्याओं के समाधान में बाधा उत्पन्न करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।