Ghaziabad News: सोमवार रात से हो रही लगातार बारिश ने गाजियाबाद के निवासियों का जीना मुश्किल कर दिया है। तेज बारिश के चलते प्रताप विहार, नंदग्राम, और गोशाला अंडरपास फाटक जैसे इलाकों में भारी जलभराव हो गया है। लोगों के घरों में नालों और सड़कों का पानी घुस गया है, जिससे जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है।
घरों में घुसा पानी, लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त
बारिश इतनी तीव्र रही कि प्रताप विहार, नंदग्राम, और आसपास के इलाकों के घरों में पानी घुस गया। लोगों को अपने घरों से पानी निकालने के लिए बाल्टी और मोटरों का सहारा लेना पड़ा। कई घरों में बिजली के कनेक्शन बंद कर दिए गए ताकि शॉर्ट सर्किट से कोई हादसा न हो।
स्थानीय निवासी रवि शर्मा ने बताया, “हर बार की तरह इस बार भी बारिश के बाद नंदग्राम जलमग्न हो गया है। नगरपालिका केवल बारिश के बाद सफाई की बात करती है, लेकिन साल भर कुछ नहीं होता।”
गोशाला अंडरपास फिर बना जलजमाव का केंद्र
गोशाला अंडरपास फाटक हर बार की तरह इस बार भी बारिश के पानी से लबालब भर गया। यह इलाका वर्षों से बिना समाधान के जलभराव की समस्या से जूझ रहा है। रोज़ाना आने-जाने वाले यात्रियों को घंटों तक जाम और गंदे पानी से गुजरना पड़ता है।
स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि हर बारिश के बाद यही स्थिति हो जाती है, लेकिन नगर निगम की ओर से स्थायी समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
नगर निगम की लापरवाही पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों ने गाजियाबाद नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि हर साल बारिश से पहले नालों की सफाई का दावा किया जाता है, लेकिन हकीकत में जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं होता। कचरे से भरे नाले और ठप ड्रेनेज सिस्टम की वजह से पानी की निकासी नहीं हो पाती और नतीजा जलजमाव के रूप में सामने आता है।
जलभराव से जुड़ी मुख्य समस्याएं
- नालों की समय पर सफाई न होना
- ड्रेनेज सिस्टम की क्षमता कम
- अवैध निर्माण से पानी की निकासी अवरुद्ध
- अंडरपास क्षेत्रों में जल निकासी का कोई वैकल्पिक प्रबंध नहीं
प्रशासन से लोगों की मांग
गाजियाबाद के नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि जलभराव से निपटने के लिए स्थायी समाधान जैसे कि रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, ड्रेनेज नेटवर्क का विस्तार और नियमित सफाई की योजना लागू की जाए।
साथ ही, ऐसे इलाकों में जहां हर बार जलभराव होता है, वहां विशेष निगरानी और स्थायी पंपिंग सिस्टम लगाया जाए।
बारिश बनी आफत, जनजीवन बेहाल
बारिश जहां गर्मी से राहत लेकर आती है, वहीं गाजियाबाद जैसे शहरी क्षेत्रों में यह सिस्टम की असफलता की पोल भी खोलती है। प्रशासन को चाहिए कि इस बार सिर्फ कागजी दावा न करते हुए जमीनी स्तर पर कारगर व्यवस्था करे, ताकि हर बारिश आपदा न बने।
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