Delhi-NCR Weather Update: दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार से मौसम ने करवट ले ली है। सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए हैं, जिससे हल्की ठंडक का अहसास हो रहा है। हालांकि, न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 13.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, वायु गुणवत्ता में कोई खास सुधार नहीं हुआ और यह ‘खराब’ श्रेणी में बनी रही। मंगलवार सुबह 9 बजे औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 211 रहा, जबकि सोमवार को शाम 4 बजे यह 231 दर्ज किया गया था।
पश्चिमी विक्षोभ का असर, बूंदाबांदी की संभावना
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राजधानी का मौसम बदल रहा है। इसकी वजह से मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को शहर के कुछ हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा, “दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न क्षेत्रों में हल्की बारिश या बूंदाबांदी होने की संभावना है।” सोमवार को अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था और मंगलवार को यह 27 से 29 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है। वहीं, सोमवार को न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
इन इलाकों में हो सकती है बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में रोहिणी, बादली, पीतमपुरा, मुंडका, पश्चिम विहार, पंजाबी बाग, राजौरी गार्डन, बुद्ध जयंती पार्क, जाफरपुर, नजफगढ़, द्वारका, दिल्ली कैंट, पालम, वसंत विहार और वसंत कुंज सहित कई इलाकों में हल्की बारिश होने की संभावना है। एनसीआर के कुछ हिस्सों में भी बूंदाबांदी की उम्मीद जताई गई है। मंगलवार सुबह 8:30 बजे राजधानी में आर्द्रता का स्तर 91 प्रतिशत दर्ज किया गया, जबकि हवा की गति 10 से 12 किलोमीटर प्रति घंटे तक रह सकती है।
तापमान में गिरावट की संभावना
फरवरी में तेज धूप और बढ़ते तापमान के बीच राजधानी में गर्मी का अहसास होने लगा है। हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट हो सकती है। 18, 19 और 20 फरवरी को हल्की बूंदाबांदी के कारण तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की कमी आने की संभावना है।
वहीं, बढ़ते प्रदूषण को लेकर भी चिंता बनी हुई है। 17 फरवरी को दिल्ली का AQI 250 तक पहुंच गया था, जिससे साफ संकेत मिलता है कि राजधानी की हवा अब भी जहरीली बनी हुई है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हल्की बारिश के बाद वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार हो सकता है, लेकिन दीर्घकालिक राहत के लिए व्यापक कदम उठाने की जरूरत है।

