Delhi Firing: निजामुद्दीन इलाके में शुक्रवार देर रात (1 अगस्त) को दुकान के किराए के विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। इस झगड़े में एक दुकानदार फुरकान को गोली लग गई। घटना के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई और स्थानीय लोग दहशत में आ गए। घायल फुरकान को तुरंत एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत स्थिर बताई है।
घटना रात करीब 11 बजे निजामुद्दीन मरकज के पास हुई, जो एक धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से संवेदनशील इलाका माना जाता है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, फुरकान की दुकान पहले एहसान नामक व्यक्ति ने किराए पर ली थी। करीब 15 दिन पहले फुरकान ने एहसान से दुकान खाली करवा ली थी, जिससे दोनों के बीच तनाव बना हुआ था। शुक्रवार रात जब फुरकान इलाके में मौजूद थे, तब एहसान लगभग एक दर्जन साथियों के साथ वहां पहुंचा। दोनों के बीच कहासुनी हुई और फिर देखते ही देखते फायरिंग शुरू हो गई।
दुकान के कब्जे को लेकर विवाद, फायरिंग में फुरकान घायल
प्रारंभिक जांच के मुताबिक, विवाद दुकान के कब्जे को लेकर था। फुरकान ने अपनी दुकान वापस ले ली थी, लेकिन एहसान ने शायद यह बात स्वीकार नहीं की। शुक्रवार रात दोनों आमने-सामने हुए तो विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, एहसान और उसके साथियों ने बिना किसी चेतावनी के सीधे गोलियां चला दीं। इस फायरिंग में फुरकान के पैर में गोली लगी और इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
स्थानीय दुकानदारों ने तत्काल दुकानें बंद कर दीं और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। गोली चलने की आवाजें सुनकर लोग डर गए और तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।
राजधानी में खुलेआम गोलीबारी से दहशत, पुलिस पर सवाल
दिल्ली जैसे पुलिस सघन निगरानी वाले इलाके में खुलेआम फायरिंग ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। निजामुद्दीन जैसे संवेदनशील इलाके में इस तरह की हिंसा ने आम लोगों को डरा दिया है। लोगों का कहना है कि जब राजधानी के बीचोबीच ऐसा हो सकता है, तो बाकी शहर का क्या हाल होगा?
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर इलाके को घेर लिया और फुरकान को अस्पताल पहुंचाया। एफआईआर दर्ज कर ली गई है और पुलिस ने मुख्य आरोपी एहसान की पहचान कर ली है। फिलहाल तीन टीमें उसकी तलाश में जुटी हैं और कई ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।
पुलिस का कहना है कि मामला व्यक्तिगत रंजिश का है, लेकिन सभी एंगल से जांच की जा रही है। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि आरोपी जल्द पकड़े जाएंगे, लेकिन तब तक इलाके के लोग डर और चिंता में जी रहे हैं।
हमारी इंटर्न सुनिधि सिंह द्वारा लिखित
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