Dehradun Flash Flood: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक हुई मूसलाधार बारिश और बादल फटने की घटना ने तबाही का मंजर खड़ा कर दिया। इस आपदा में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 13 से अधिक लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।
भारी बारिश ने शहर के कई इलाकों को जलमग्न कर दिया, जबकि नदियों में आए उफान ने पुलों और सड़कों को तहस-नहस कर दिया। प्रशासन ने मृतकों और घायलों की पुष्टि करते हुए राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है।
मकान, दुकान और होटल बहे, तबाही के दृश्य डरावने
रातभर हुई बारिश ने सुबह होते-होते पूरे जिले को हिलाकर रख दिया। कई इलाकों में मकान, दुकानें और होटल बह गए या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। सहस्त्रधारा में बादल फटने से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, जहां संपत्तियां मलबे में दब गईं।
लोगों ने बताया कि पानी का बहाव इतना तेज था कि देखते ही देखते गाड़ियां, ट्रैक्टर और छोटे वाहन बह गए। देहरादून-मसूरी मार्ग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित है।
मौतों और लापता लोगों की स्थिति
- प्रशासन ने अब तक 17 मौतों की पुष्टि की है।
- 13 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है।
- अलग-अलग जगहों से 8 शव बरामद किए गए।
- खनन कार्य में लगे 15 मजदूर ट्रैक्टर-ट्रॉली समेत बह गए, जिनमें से 3 को जिंदा बचाया गया।
- तीन लोग गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज जारी है।
मोठ नदी से दो पुराने शव भी मिले हैं, जिन्हें मृतकों की गिनती में शामिल किया गया है।
सड़कें और पुल टूटने से संपर्क व्यवस्था ठप
लगातार बारिश और बाढ़ जैसे हालात ने जिले के बुनियादी ढांचे को भी बुरी तरह प्रभावित किया है।
- जिले में 62 सड़कें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
- 11 पुल टूट गए हैं, जिससे कई गांव और कस्बों का संपर्क पूरी तरह कट गया है।
- देहरादून से मसूरी जाने वाला मार्ग बंद है।
लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
मौसम विभाग (IMD) ने देहरादून और आसपास के क्षेत्रों के लिए अगले 24 घंटे भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने लोगों को नदी किनारे और निचले इलाकों से दूर रहने की अपील की है।
राज्य सरकार ने रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए SDRF और NDRF की टीमें तैनात की हैं। प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री और भोजन पहुंचाया जा रहा है।
फ्लैश फ्लड प्राकृतिक आपदा
देहरादून की यह फ्लैश फ्लड प्राकृतिक आपदा की गंभीरता को दिखाती है। भारी बारिश और बादल फटने जैसी घटनाएं पहाड़ी राज्यों के लिए लगातार खतरा बनी हुई हैं। प्रशासन राहत और बचाव में जुटा है, लेकिन स्थानीय लोगों के लिए यह त्रासदी लंबे समय तक याद रहने वाली है।
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