CM Yogi : उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के अंतर्गत आने वाले जिलों के निर्माण श्रमिकों को एक बड़ी राहत दी है। सरकार ने इन श्रमिकों के लिए 1000 रुपये प्रति माह के पोषण भत्ते की घोषणा की है। इस योजना के तहत लगभग पांच लाख पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को यह भत्ता उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण (बीओसीडब्ल्यू) बोर्ड के माध्यम से दिया जाएगा। इस योजना पर करीब 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
यह योजना दिल्ली और उससे सटे एनसीआर के जिलों में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के मद्देनज़र शुरू की गई है। हाल ही में इन जिलों में प्रदूषण बहुत बढ़ गया था, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ा। दमघोंटू प्रदूषण के कारण कई स्कूलों को बंद कर दिया गया था और सुप्रीम कोर्ट ने भी इन जिलों में सभी प्रकार की निर्माण गतिविधियों को रोकने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर निर्माण कार्यों पर लगी रोक से निर्माण श्रमिकों के सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को इन श्रमिकों को भत्ता देने का आदेश दिया था ताकि उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत बनी रहे। इस आदेश के बाद राज्य सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इन श्रमिकों को चार सप्ताह का पोषण भत्ता देने का फैसला किया।
भत्ते का वितरण प्रक्रिया
योजना के तहत, पंजीकृत श्रमिकों को 18 नवंबर तक चार सप्ताह का भत्ता दिया जाएगा। पहले दो सप्ताह के भत्ते की राशि अब श्रमिकों के खातों में भेजी जा रही है। इसके बाद अगले दो सप्ताह का भत्ता भी शीघ्र वितरित किया जाएगा।
भत्ते के पात्र श्रमिकों की संख्या
उत्तर प्रदेश के विभिन्न एनसीआर जिलों में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की संख्या का विवरण निम्नलिखित है:
- गाजियाबाद: 46,016
- गौतमबुद्धनगर: 15,356
- बुलंदशहर: 42,189
- बागपत: 24,553
- मुजफ्फरनगर: 1,09,924
- मेरठ: 1,42,254
- हापुड़: 36,962
इन जिलों (CM Yogi) के श्रमिकों को भत्ता देने के लिए, बीओसीडब्ल्यू बोर्ड की सचिव गजल भारद्वाज ने संबंधित विकास प्राधिकरणों और औद्योगिक विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्षों को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि वे निर्माण कार्यों में पूर्व से कार्यरत श्रमिकों के पंजीकरण और नवीनीकरण के लिए विशेष कैंप आयोजित करें। इन कैंपों में श्रमिकों का पंजीकरण और नवीनीकरण किया जाएगा ताकि भत्ते का वितरण सुचारू रूप से हो सके।