बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज मीडिया से मुखातिब होते हुए कई मुद्दों पर खुल कर बोले है। चाहे विपक्षी एकता की बात हो या राहुल गाँधी की बात हो या फिर भ्रष्टाचार का मुद्दा हो वे सभी मुद्दों पर आज अपना पक्ष रखे है। अजा जब उनसे पत्रकारों ने विपक्षी एकता की बात पर सवाल पूछा तब उन्होंने ने दबे मन से प्रधानमंत्री बनने की इच्क्षा जाहिर की। वे भले ही प्रत्यक्ष रूप से इस बात को जाहिर नहीं किये है लेकिन उनकी बातों से समझा जा सकता है।
विपक्ष की एकता ही मेरी इच्छा
उन्होंने कहा कि विपक्ष के अधिक से अधिक लोगों की एकता ही मेरी इच्छा है। लोग एकजुट हो जाएंगे। फिर मजबूती के साथ लोकसभा का चुनाव मस्ती में लड़ेंगे। हम इसी इच्छा में चुपचाप बैठे है। इस सिलसिले में दो बार दिल्ली भी गए। हम अब इंतजार कर रहे हैं। सबलोगों को तय करने के लिए कहा है। हमारी पार्टी के लोग भी लगे हुए हैं। किसी को कोई कठिनाई होगी, तो वो भी देखा जा रहा है।
वहीं, जब उनसे प्रधानमंत्री मोदी द्वारा विपक्ष की एकजुटता को भ्रष्टाचारियों की जमात बताए जाने सवाल पूछा गया तब उन्होंने कहा कि अब अटल जी का दौर नहीं रहा। वो कितना ज्यादा मानते थे। तब हमलोग उनकी तारीफ करते थे। अब सब अपनी ही तारीफ करने में लगे हैं।
सबको अधिकार है कोर्ट जाने का
इसके अलावा जब उनसे मानहानि मामले में दो साल की सजा के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद करने के मुद्दे पर सवाल किया गया तब उन्होंने कहा कि जब से हम राजनीति में है, कोर्ट के बारे में कुछ बात होती है तो हम नहीं बोलते हैं। किसी के ऊपर मुकदमा होता है तो हम नहीं बोलते हैं। मेरे ऊपर ही कुछ होता है तो क्या हम बोलते हैं, नहीं। मेरी आदत है, नहीं बोलने की।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे कहा कि इनसब पर क्या बोलना है। सबको अधिकार है कोर्ट में जाने का। हम कमेंट नहीं करते हैं। किसी केस, मुकदमा, झगड़ा में मुझे दखल देना पसंद नहीं है। 17 साल से सरकार चला रहे हैं। किसी पर जांच होती है, तो हमने कभी कोई कमेंट नहीं किया। हम तो कहते हैं ठीक तरीके से जांच कीजिए। इसलिए इन चीजों पर मेरी कभी कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है।

