पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह पर पलटवार किया है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ट्वीट करके जत्थेदार की कार्यप्रणाली और सरकार को दी गई 24 घंटे की चेतावनी पर सवाल खडे़ किए हैं।
अकाल तख्त साहिब पर सोमवार को 72 सिख संगठनों का जमावड़ा हुआ था। उसमें विशेष ऑपरेशन के दौरान ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल के समर्थक पकड़े गए नौजवानों के केस लड़ने तथा वित्तीय मदद करने का फैसला करते हुए सरकार को 24 घंटे के भीतर सभी की रिहाई करने की चेतावनी दी गई थी।
मंगलवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक ट्वीट करके अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को कहा कि सभी को पता है कि वह तथा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अक्सर बादल परिवार का पक्ष लेते रहे हैं। इतिहास देखने पर पता चलता है कि कई जत्थेदारों का बादल परिवार ने अपने स्वार्थों के लिए इस्तेमाल किया है। बेहतर होता अगर आप अल्टीमेटम बेअदबी मामलों तथा गुरु ग्रंथ साहिब के गायब स्वरूपों के बारे में देते न कि हंसते-बसते लोगों को भड़काने के लिए।
इस बीच मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने साफ किया कि पंजाब पुलिस द्वारा नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बेकसूर नौजवानों को लगातार जांच के बाद छोड़ा जा रहा है।

