बिहार के शिक्षा मंत्री और राजद विधायक प्रो. चंद्रशेखर एक बार फिर विवादों में घिर गए है। उन्होंने एक बार फिर से रामचरितमानस को लेकर विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने बिहार विधानसभा में बजट सत्र के दौरान पत्रकारों से कहा कि रामायण में थोड़ा कूड़ा-कचरा है, उसे साफ करने की जरूरत है।
बता दें कि इससे पहले भी प्रो. चंद्रशेखर रामचरितमानस को लेकर विवादित टिप्पणी कर घिर चुके है। तब उन्होंने कहा था यह ग्रंथ समाज को बांटने और नफरत फैलाने वाला है। अब प्रो.चंद्रशेखर उससे दो कदम आगे बढ़ गए हैं और रामायण से कचड़ा हटाने की बात कह रहें हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा- शूद्र को मना था पढ़ना
शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने अपने-अपने राम’ कार्यक्रम या कुमार विश्वास का नाम नहीं लिया, लेकिन बोला कि “आने वाले तो थे। ज्ञान को बेचने वाले लोग, चैरिटी शो करने वाले लोग आने वाले थे। क्यों नहीं आए?” इसके बाद वह रुके और बोलने लगे- “शास्त्र में जो अर्थ लिखा हुआ है उसका प्रसंग आप बताओगे ! हमने पहले कहा है कि शूद्र अब पढ़ लिख गया है भाई। जब वंचित था पढ़ाई से, ज्ञान से। बाबा साहब अंबेडकर का आशीर्वाद-कृपा है। महात्मा फुले, लोहिया जी…वीपी सिंह साहेब का। अगर शूद्र आज की तारीख में पढ़-लिख गया है। हजारों साल पहले उनको पढ़ने का मना था भाई।”
शूद्र अब कैसे इसे अमृत मान ले ?: चंद्रेशखर
शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने आगे कहा- तब तो नहीं पढ़ता था। अपमानजनक कही गई बातों को भी सम्मान-आशीर्वाद समझता था। जब पढ़-लिख गया है। शास्त्र का अर्थ समझ सकता है। हिंदी-अंग्रेजी को पढ़-लिख सकता है। संस्कृत को पढ़ सकता है। अब आपत्तिजनक और अपमानजनक बातों को आशीर्वाद और अमृत कैसे मान ले? जो देश को चला रहे, उनके सामने मैंने अपनी बात रखी है कि वह रामायण के कचरे को हटाएं। राम मनोहर लोहिया ने भी कचरा हटाने कहा था। मैं लोहिया या अंबेडकर से बड़ा नहीं हूं।

