Akhilesh Yadav : प्रयागराज स्थित शिक्षा निदेशालय में हाल ही में लगी आग को लेकर राजनीतिक गर्मी बढ़ गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए इसकी उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने आशंका जताई है कि यह आग महज तकनीकी कारणों से नहीं लगी, बल्कि इसके पीछे साजिश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सोशल मीडिया पर उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर इस घटना को लेकर लिखा, प्रयागराज में शिक्षा निदेशालय में आग लगी है या लगाई गई है? ये तकनीकी कारणों से घटित हादसा है या वजह कुछ और है? शंका समाधान के लिए उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच हो।
उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या इस आग के पीछे एडेड स्कूलों की भर्तियों से जुड़े रिकॉर्ड को नष्ट करने की साजिश थी। उनका कहना है कि आग की वजह से अगर अहम दस्तावेज जल गए हैं, तो यह घटना एक सामान्य हादसा नहीं मानी जा सकती।
अधिकारियों की भूमिका पर सवाल
अखिलेश यादव ने शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि अब तक विभाग की ओर से स्थिति साफ नहीं की गई है। ऐसे में यह संदेह और गहराता जा रहा है कि कहीं यह आग साक्ष्य मिटाने की एक सोची-समझी योजना का हिस्सा तो नहीं थी।
जांच और पारदर्शिता की मांग
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि अगर यह आग सच में हादसा थी, तो इसकी तकनीकी रिपोर्ट जल्द सार्वजनिक की जानी चाहिए। लेकिन अगर यह आग जानबूझकर लगाई गई थी, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने साफ किया कि इस मामले में पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी है, क्योंकि शिक्षा विभाग में पहले भी भर्तियों को लेकर सवाल उठते रहे हैं।
विपक्ष का दबाव बढ़ता हुआ
इस घटना (Akhilesh Yadav) को लेकर समाजवादी पार्टी ही नहीं, कई अन्य विपक्षी दल भी सक्रिय हो सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर शिक्षा निदेशालय में लगे दस्तावेजों का कोई हिस्सा वाकई भर्तियों से जुड़ा था, तो यह मामला आने वाले दिनों में बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है।
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