Green Crackers: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली-NCR में इस दिवाली केवल ग्रीन पटाखों को जलाने की अनुमति दी गई है। हालांकि, इसके साथ कुछ शर्तें भी तय की गई हैं — पटाखे केवल 18 से 21 अक्टूबर के बीच ही छोड़े जा सकते हैं और बाहर से पटाखे मंगाना सख्त मना है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर ग्रीन पटाखे बनाते कहां हैं और किसे इनका लाइसेंस मिला है।
सिर्फ एक कंपनी को मिली अनुमति
दिल्ली में ग्रीन पटाखे बनाने का लाइसेंस केवल गुडिया फायरवर्क्स को मिला है। नेशनल एन्वायरनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट की वेबसाइट पर ग्रीन पटाखों के अधिकृत निर्माताओं की पूरी सूची जारी की गई है। इसमें हर निर्माता का नाम, स्थान और किस प्रकार के पटाखे वे बना सकते हैं — यह सारी जानकारी दी गई है।
शिवाकाशी बना ग्रीन पटाखों की राजधानी
भारत में ग्रीन पटाखे बनाने वाले 80% से अधिक निर्माता तमिलनाडु के शिवाकाशी में स्थित हैं। शिवाकाशी को पटाखों का गढ़ कहा जाता है — देश के कुल पटाखा उत्पादन में इसका 90% योगदान है।
2019 में जब ग्रीन पटाखों की शुरुआत हुई, तब से यहां की लगभग 1000 से अधिक फैक्ट्रियां इको-फ्रेंडली तकनीक को अपनाकर पर्यावरण के अनुकूल पटाखे बनाने लगीं।
अन्य राज्यों में भी बढ़ा ग्रीन क्रैकर्स का नेटवर्क
सितंबर 2025 तक नेरी ने देशभर में 1403 निर्माताओं को ग्रीन पटाखे बनाने की मंजूरी दी है। इनमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और पंजाब शामिल हैं।
- उत्तर प्रदेश – हापुड़, मेरठ, मैनपुरी, इटावा, वाराणसी, गाजियाबाद, सहारनपुर, अमरोहा, शामली, मुजफ्फरनगर।
- महाराष्ट्र – जलगांव, नागपुर, लातूर, अहमदनगर, सोलापुर, उस्मानाबाद।
- राजस्थान – जयपुर, उदयपुर, बीकानेर, भरतपुर, जोधपुर।
- पंजाब – अमृतसर, होशियारपुर।
इन सभी जगहों को ग्रीन पटाखों के लाइसेंस नेरी से प्राप्त हैं।
ग्रीन पटाखे बनाम सामान्य पटाखे
सामान्य पटाखों में सल्फर, नाइट्रेट, एल्युमिनियम पाउडर और बेरियम जैसे रसायन होते हैं, जो ध्वनि और वायु प्रदूषण बढ़ाते हैं। इसके विपरीत, ग्रीन पटाखे कम धुआं और कम आवाज करते हैं।
ये हानिकारक गैसें नहीं छोड़ते और स्वास्थ्य पर कम प्रभाव डालते हैं।
कैसे पहचानें असली ग्रीन पटाखे?
हर असली ग्रीन पटाखे के पैकेट पर नेरी का लोगो और इको-फ्रेंडली लेबल होता है। इसके साथ एक यूनिक क्यूआर कोड दिया जाता है। इसे स्कैन करने पर खरीदार को निर्माता का नाम, लाइसेंस नंबर और पटाखे की कैटेगरी की जानकारी मिलती है।
भारत में अब ग्रीन पटाखे उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। नेरी की ग्रीन लिस्ट में शामिल 1403 निर्माताओं ने पर्यावरण-अनुकूल तकनीक को अपनाकर एक नई दिशा दी है। दिवाली पर अगर आप उत्सव मनाना चाहते हैं, तो सिर्फ नेरी द्वारा प्रमाणित ग्रीन पटाखे ही खरीदें — ताकि उत्सव भी हो और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे।
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