Wangchuk Arrest News: लेह – लद्दाख के प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने उनके खिलाफ लगाए गए पाकिस्तान से लिंक और पैसे के गलत इस्तेमाल जैसे गंभीर आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है। उन्होंने साफ कहाहै कि वांगचुक ने हमेशा अहिंसा और गांधीवादी तरीके से अपनी बात रखी है और जो आरोप उन पर लगाए जा रहे हैं, वो राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं।
“शांति की बात करने वाले को देशद्रोही कैसे कहा जा सकता है?” – गीतांजलि
गीतांजलि ने मीडिया से बातचीत में कहा, “सोनम हमेशा शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करते रहे हैं। वो भारतीय सेना के लिए ठंड में इस्तेमाल होने वाले शेल्टर बनाते हैं, चीनी सामान के बहिष्कार की बात करते हैं… ऐसे इंसान को देशद्रोही कैसे ठहराया जा सकता है?”
उनका कहना है कि 24 सितंबर को जो हिंसा भड़की, वो वांगचुक की वजह से नहीं, बल्कि सीआरपीएफ के आंसू गैस छोड़ने के कारण हुई। उन्होंने यह भी कहा कि सोनम उस दिन हिंसक घटनाओं से दूर थे और उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है।
“एनएसए के तहत गिरफ्तारी गलत है”
चार सितंबर को लद्दाख में हुए प्रदर्शन के बाद जिसमें 4 लोगों की मौत और 90 से ज्यादा लोग घायल हुए, उसके दो हफ्ते बाद यानी 26 सितंबर को वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल उन्हें राजस्थान की जोधपुर जेल में रखा गया है।
गीतांजलि का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद से अब तक उनकी सोनम से कोई बातचीत नहीं हो पाई है और उन्हें गिरफ्तारी का आदेश भी नहीं दिखाया गया है।
पाकिस्तान यात्रा पर सफाई
सरकार की ओर से वांगचुक पर पाकिस्तान से लिंक होने के जो आरोप लगाए गए हैं, उस पर गीतांजलि ने कहा कि, “सोनम की पाकिस्तान यात्रा जलवायु परिवर्तन से जुड़े एक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए थी, न कि किसी संदिग्ध गतिविधि के लिए. वो और मैं दोनों कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिस्सा लेते हैं, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के जलवायु सम्मेलन भी शामिल हैं।”
उन्होंने इस बात पर नाराज़गी जताई कि पाकिस्तान में हुए ‘Breathe Pakistan’ जैसे कार्यक्रम में शामिल होने को जानबूझकर गलत रूप में पेश किया जा रहा है।
फंडिंग और संस्थान पर उठे सवालों पर भी सफाई
सरकार ने वांगचुक के बनाए संस्थान SECMOL (Students’ Educational and Cultural Movement of Ladakh) का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया है, जिसके बाद उन पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे हैं।
इस पर गीतांजलि ने कहा कि, “हमारे संस्थान को जो भी पैसा विदेश से मिला, वो किसी दान के रूप में नहीं, बल्कि तकनीकी सेवाओं के भुगतान के तौर पर मिला है। हमने कभी छात्रों से फीस नहीं ली, संस्था की ज़रूरतें इनोवेशन से पूरी होती हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि UGC पंजीकरण की प्रक्रिया अभी भी चल रही है और भूमि आवंटन में देरी प्रशासनिक कारणों से हुई है।
“विकास के खिलाफ नहीं, लेकिन स्थानीय लोगों की भागीदारी जरूरी”
गीतांजलि ने यह भी साफ किया कि वांगचुक किसी तरह के विकास के विरोध में नहीं हैं। “वो सिर्फ इतना चाहते हैं कि लद्दाख के विकास में स्थानीय लोगों की राय ली जाए, और ऐसा विकास हो जो प्राकृतिक और सांस्कृतिक संतुलन बनाए रखे। वो इसे ‘माइंडफुल डेवलपमेंट’ कहते हैं।”
गीतांजलि अंगमो ने वांगचुक पर लगे पाकिस्तान कनेक्शन, देशद्रोह, और पैसे की गड़बड़ी के सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि एक शांतिपूर्ण कार्यकर्ता को आतंकवादी की तरह ट्रीट करना बंद किया जाए।
इस पूरे मामले को लेकर देशभर में बहस तेज हो गई है कि क्या सोनम वांगचुक जैसे सामाजिक कार्यकर्ता के साथ अन्याय हो रहा है।
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