Noida: सोशल मीडिया ने एक बार फिर से बिछड़े हुए परिवार को मिलाने का काम किया है। करीब 35 साल पहले कुवैत जाकर अपने परिवार से बिछड़े प्रेम कुमार वोहरा का अब उनके परिवार से संपर्क हो गया है। यह खबर मिलते ही परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है। फरवरी के पहले सप्ताह में प्रेम कुमार भारत आकर अपने परिवार से मिलेंगे।
विद्या देवी वोहरा मूल रूप से पंजाब के लुधियाना जिले के जर्ग कस्बे की रहने वाली हैं। उनके पांच बेटे हैं। वर्ष 1983 में घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण उनका सबसे बड़ा बेटा प्रेम कुमार वोहरा कुवैत चला गया था। इसके एक साल बाद 1984 में विद्या देवी अपने अन्य बच्चों के साथ नोएडा आकर बस गईं।
युद्ध के दौरान टूटा संपर्क
प्रेम कुमार के भाई प्रदीप वोहरा ने बताया कि उस समय मोबाइल फोन उपलब्ध नहीं थे और केवल लैंडलाइन फोन से ही बातचीत होती थी। वर्ष 1990 में जब इराक ने कुवैत पर हमला किया, तो प्रेम कुमार का सारा सामान जल गया था। परिवार की उनसे अंतिम बार बात 1991 में हुई थी। इसके बाद संपर्क पूरी तरह टूट गया। वर्षों तक परिवार उनके संदेश का इंतजार करता रहा, लेकिन जब कई दशकों तक कोई सूचना नहीं मिली, तो परिवार ने उनके जीवित होने की उम्मीद भी छोड़ दी थी।
श्रीलंकाई महिला से शादी
कुवैत में रहने के दौरान प्रेम कुमार ने श्रीलंका की एक महिला से शादी कर ली। उनके एक बेटा और एक बेटी भी हैं। वर्ष 2024 के अंत में लुधियाना के जर्ग गांव में पत्राचार के माध्यम से प्रेम कुमार का संदेश पहुंचा। गांव के सरपंच ने परिवार को इसकी जानकारी दी, लेकिन प्रेम कुमार का कोई सीधा संपर्क नहीं हो सका।
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सोशल मीडिया से हुआ पुनर्मिलन
प्रदीप वोहरा ने बताया कि उनकी बहन अमेरिका में रहती है। प्रेम कुमार के बेटे ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी बुआ से संपर्क किया। इसके बाद सोशल मीडिया के माध्यम से परिवार के अन्य सदस्यों से बातचीत हुई और यह पुष्टि हो गई कि प्रेम कुमार सही-सलामत हैं। यह खबर मिलते ही पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई।