Ghaziabad: गाजियाबाद नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के निर्देशन में गाजियाबाद नगर निगम वायु गुणवत्ता सुधार के लिए लगातार प्रयासरत है। निगम ने शहर के 152 किलोमीटर के रूट पर नियमित रूप से 30 वाटर स्प्रिंकलर चलाने की व्यवस्था की है। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग, जलकल विभाग और उद्यान विभाग को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है।
नगर आयुक्त ने जानकारी दी कि मैनुअल सफाई के साथ-साथ मैकेनाइज्ड सफाई को भी प्राथमिकता दी जा रही है। सड़कों को धूल मुक्त करने के लिए आठ रोड स्वीपिंग मशीनें लगातार काम कर रही हैं। साथ ही, शहर की मुख्य सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है।
एंटी स्मोक गन का उपयोग
नगर निगम द्वारा पांच एंटी स्मोक गन को प्रमुख मार्गों पर पानी छिड़कने के लिए तैनात किया गया है। इन गनों की मॉनिटरिंग जीपीएस के जरिए की जा रही है। नगर आयुक्त ने बताया कि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) के तहत सभी नियमों का सख्ती से पालन किया जा रहा है। निर्माण और अन्य विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधियों पर तुरंत रोक लगाई जाए।
नियम उल्लंघन पर जुर्माना
मुख्य अभियंता (निर्माण) एनके चौधरी ने बताया कि ग्रैप की चौथी स्टेज में निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है। खुले में निर्माण सामग्री रखने पर भी सख्त कार्रवाई हो रही है। अब तक पांचों जोनों में लगभग ₹94,000 का जुर्माना वसूला गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने कूड़ा जलाने वालों पर भी कार्रवाई करते हुए अब तक 60,000 रुपये का जुर्माना वसूला है। आठ व्यक्तियों के खिलाफ मामले दर्ज कराए गए हैं ताकि पुलिस उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सके।
भट्ठियों और तंदूरों पर कार्रवाई
अपर नगर आयुक्त ने बताया कि वायु प्रदूषण बढ़ाने वाली भट्ठियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए अब तक 21 तंदूर बंद कराए गए हैं। चालान के जरिए छह माह में तीन लाख पांच हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया है।
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पेड़ों और सड़कों की धुलाई
प्रदूषण नियंत्रण के लिए उद्यान विभाग को भी सक्रिय किया गया है। उद्यान प्रभारी डॉ. अनुज को निर्देश दिए गए हैं कि पांच हाई प्रेशर मशीनों के जरिए ग्रीन बेल्ट और सेंट्रल वर्ज पर लगे पेड़-पौधों की धुलाई सुनिश्चित की जाए। वहीं, जलकल विभाग सड़कों की धुलाई कर रहा है।

