नई दिल्ली :- राज्यसभा में गत बुधवार को हुई घटना को शर्मनाक करार देते हुए केंद्र सरकार ने विपक्ष की तीखी आलोचना करते हुए देश से माफी मांगने को कहा है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर समेत सरकार के सात मंत्रियों ने एक सुर में विपक्ष के आचरण की निंदा की। सत्तापक्ष ने सदन में हंगामा करने वाले सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि विपक्ष ने सड़क से संसद तक अराजकता फैलाने का काम किया है। उसे न करदाताओं के पैसे के दुरुपयोग की चिंता है और न ही संवैधानिक मूल्यों की फिक्र है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को घड़ियाली आंसू बहाने की बजाय अपने आचरण के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।
राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल, उपनेता मुख्तार अब्बास नकवी, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और श्रम एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बुधवार को उच्च सदन में हुई घटना के लिए विपक्ष की आलोचना की।
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मानसून सत्र के पहले दिन से ही विपक्ष सदन को चलने न देने के मूड में था। केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल नये मंत्रियों का परिचय भी सदन में नहीं होने दिया गया। उन्होंने गत बुधवार को सदन में विपक्षी सदस्यों के आचरण और रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि जो हुआ वह शर्मनाक था। उन्होंने कहा कि सदन में मर्यादाओं का उल्लंघन करने वाले सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
वहीं, राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने विपक्ष के आचरण पर हैरत जताते हुए कहा कि कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और दूसरे विपक्षी दलों में हंगामा करने की होड़ थी।
उल्लेखनीय है कि संसद में विपक्ष लगातार पेगासस और कृषि कानूनों पर चर्चा की मांग करता रहा और इसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही हर दिन कई बार स्थगित हुई। विपक्ष के हंगामे ने बीते मंगलवार और बुधवार को विकट रूप ले लिया। मंगलवार को विपक्षी सांसद रिपोर्टिंग टेबल पर चढ़ गए तो बीते बुधवार को भी उन्होंने जमकर हंगामा किया। राज्यसभा में नेता सदन ने आरोप लगाया कि एक महिला मार्शल के साथ बदसलूकी की गई।
Publish by- shivam Dixit
@shivamniwan